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रायपुर में इस साल भी गरबा की अनुमति नहीं, गणेश चतुर्थी की की तरह होगी दुर्गा पंडाल के लिए गाइडलाइन

3 years ago
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सरकारी आदेश: इस साल न गरबा, न दशहरा-मेले, नवरात्रि-दिवाली जैसे त्यौहार घर  में ही मनेंगे, भंडारे भी नहीं होंगे | No garba and fairs In Gujarat This  Year, Ban On ...

 

 

 

 

 

रायपुर  16 सितंबर 2021/    राजधानी में इस साल भी गरबे के बड़े आयोजन नहीं होंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए बड़ी सार्वजनिक समितियों और इवेंट कंपनियों को खुले मैदान, हॉल या सार्वजनिक स्थानों में गरबा के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कालोनी वालों को राहत दी जा सकती है। हालांकि गणेश पूजा की तरह ही दुर्गा पूजा के लिए भी सख्त गाइडलाइन जारी की जाएगी।

दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जुलूस या झांकी निकालने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। जो समितियां मोहल्लों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित करेंगी वहां की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। पंडाल में आने-जाने के सख्त नियम होंगे। इस दौरान किसी एक को भी कोरोना हुआ तो समितियों के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एडीएम एनआर साहू ने कहा कि दुर्गा पूजा के लिए गाइडलाइन तैयार हो रही है। गरबा के बड़ें आयोजनों से बचा जाएगा।

दुर्गा पूजा के दौरान गरबा आयोजित करने के लिए प्रशासन के पास इवेंट कंपनियों की अर्जियां पहुंचने लगी हैं। फिलहाल अफसरों ने सभी आवेदनों को होल्ड कर दिया है। गणेश विसर्जन के बाद इन सभी आवेदकों को बुलाया जाएगा और उनसे दो टूक कहा जाएगा कि शहर में गरबा के बड़े आयोजन नहीं होेंगे। इसके लिए नई गाइडलाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

गणेश पूजा में जिस तरह से शहर में सख्ती बरती गई है ठीक उसी तरह दुर्गा पूजा में सख्त गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। प्रशासन की सख्ती की वजह से बड़ी समितियों ने दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के फैसले से हाथ खींच लिए हैं। अभी तक किसी भी बड़ी समिति ने प्रशासन के पास प्रतिमा स्थापित करने के लिए आवेदन नहीं किया है।

गणेश और दुर्गा पूजा दोनों में विसर्जन जुलूस को अनुमति नहीं

  • प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाने वाली गाड़ी में 4 से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे। एक गाड़ी में एक ही प्रतिमा होगी।
  • छोटी मूर्तियों का विसर्जन घरों में ही करना होगा। बड़ी प्रतिमाएं निगम की ओर से बनाए विसर्जन कुंड में ही विसर्जित की जाएंगी।
  • प्रतिमा विसर्जन वाले रास्ते में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण या पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • सूर्यास्त के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। सूर्योदय के पहले भी मूर्ति विसर्जन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • विसर्जन जुलूस में बैंड-बाजा, धमाल या डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। शहर के व्यस्त मार्गों से गाड़ी नहीं जाएगी।

इस तरह के नियम रहेंगे दुर्गा पंडाल के लिए

  • पंडाल का साइज 15 बाई 15 से ज्यादा नहीं होगा। प्रतिमाओं की ऊंचाई 8 फीट ही होगी।
  • प्रतिमा पंडाल के सामने 500 फीट जगह खाली होनी चाहिए। यानी मैदान जरूरी है।
  • पंडाल के सामने कुर्सियां नहीं। बाहरी इलाकों में 6 फीट की दूरी में ही रहकर प्रतिमाएं देखेंगे।
  • एक समय में पंडाल में 50 से ज्यादा लोग नहीं रह सकते। ज्यादा भीड़ पर कार्रवाई होगी।
  • प्रतिमा स्थापना या झांकियों वाली जगहों पर रजिस्टर रखना होगा। जो आना-जाना करेंगे उनका रिकार्ड रखा जाएगा।
  • प्रतिमा स्थल पर कोई भी कोरोना पॉजीटिव मिला तो उसकी जवाबदारी समिति की होगी।
  • पंडाल में किसी भी तरह का भोज, जगराता, संगीत मंडली, भंडारा, सांस्कृतिक कार्यक्रम करने पर पूरी तरह से बैन।

कॉलोनी में शर्त के साथ छूट
गरबा के बड़े आयोजन पर भले ही सख्ती की जा ही है, लेकिन कॉलोनियों में होने वाले गरबा आयोजनों को थोड़ी राहत मिल सकती है। सोसाइटियों के भीतर 50 से ज्यादा लोग एक साथ नहीं रहने की शर्त पर अनुमति दी जा सकती है। हालांकि उन पर भी दुर्गा पूजा की गाइडलाइन लागू रहेगी। यानी आयोजन स्थल पर मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनिटाइजर समेत सभी तरह की व्यवस्थाएं करनी होगी। इस तरह के आयोजनों में जांच का जिम्मा संबंधित थाना प्रभारी और वहां के एसडीएम को दी जाएगी।

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