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राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलना मोदी सरकार की राजनैतिक अधःपतन की पराकाष्ठा–कांग्रेस
सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर नरेंद्र मोदी किया था उसको ध्यानचंद के नाम पर क्यो नही रखा ?
रायपुर /6अगस्त2021/ राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलना मोदी सरकार की राजनैतिक अधःपतन की पराकाष्ठा है प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति ने देश की एकता अखंडता के लिये अपना जीवन बलिदान किया हो उन महान राजीवगांधी के नाम से दिये जाने वाले खेल रत्न का नाम बदलना प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की छुद्रता है। जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से ले कर उसके नवनिर्माण में देश की एकता अखंडता के लिए उंगली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे । नरेंद्र मोदी और भाजपा जान ले किसी की लाइन मिटाने से उनकी अथवा उनके दल की लाइन लम्बी नही होने वाली ।कांग्रेस और गाँधीपरिवार ने देश सेवा की इतनी लम्बी लकीर अपने खून से देश के लोगो के दिलो दिमाग मे खींची है जिसे भजपा के लोग कितनी भी कोशिश कर ले मिटा नही सकते ।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मेजर ध्यान चंद के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर बेशर्मी पूर्वक नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखने के बजाय ध्यांचन स्टेडियम रख देते ।मोदी और उनकी सरकार की नीयत में खोट नहीं होता तो मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल का कोई दूसरा पुरस्कार घोषित कर सकते थे ।41 वर्ष के बाद भारत ने हाकी में ऑलम्पिक में कोई मेडल जीता है उसकी याद अक्षुण रखने के लिए मेजर ध्यांचन के नाम पर कोई पुरस्कार शुरू किया जा सकता था ।मोदी सरकार की नीयत ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार करना नही अपितु स्व राजीवगांधी के नाम से दिया जाने वाले पुरस्कार का नाम बदलना था ।मोदी और उनकी सरकार की मेजर ध्यांचन के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो मोदी सरकार को बने 7 साल हो गए उनको भारत रत्न देने की घोषणा क्यो नही किया गया ?
कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने स्व राजीव गांधी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार को बदल कर एक नई राजनैतिक परिपाटी की शुरुआत की है इसका परिणाम कालांतर में उन भाजपाई और संघी महापुरुषों के साथ भी होगा जिनका देश की आजादी में देश के नवनिर्माण में रंच मात्र भी योगदान नही है सिर्फ संघ और भाजपा के नेता होने के कारण देश भर में भाजपाई सरकारो ने उनकी मूर्तिया लगाई है उनके नाम से योजनाएं शुरू की है ।लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन शील होती है और राजनैतिक निर्णय आने वाली सरकारों के लिए नजीर।