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रेशमलाल जांगड़े के परिवार ने कांग्रेस छोड़ी, दिवंगत पूर्व सांसद की पत्नी और बेटे ने जॉइन की थी कांग्रेस

3 years ago
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Former State Scheduled Caste Commission member Hemchand Jangde left Congress told this reason

 

 

 

रायपुर 25 जुलाई 2021/   स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कांग्रेस-भाजपा से सांसद रहे दिवंगत नेता रेशमलाल जांगड़े के परिवार ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। उनके बेटे हेमचंद जांगड़े ने कहा, कांग्रेस से जुड़ते समय वादा किया गया था, उनके परिवार के मान-सम्मान का ध्यान रखा जाएगा। पिछले ढाई साल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें एक मुलाकात तक का समय नहीं दिया। हेमचंद और उनकी मां कमला जांगड़े लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल हुए थे। उस समय हेमचंद, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा में पदाधिकारी थे।

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य रहे हेमचंंद जांगड़े ने बताया, ढाई साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व पर भरोसा कर उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। मुख्यमंत्री जी ने मुझे भरोसा दिलाया था, आपके और आपके परिवार का पूरा सम्मान इस पार्टी में रखा जाएगा। आपका बेहतर उपयोग किया जाएगा, यह आश्वासन उन्होंने मुझे दिया था। लेकिन बहुत आहत होकर कहना पड़ रहा है कि पिछले ढाई वर्षों से मैं मुख्यमंत्री से एक सौजन्य भेंट और चर्चा करने के लिए समय मांग रहा हूं, लेकिन मुझे समय नहीं दिया गया। हेमचंद जांगड़े ने कहा, इन दो-ढाई वर्षों में कांग्रेस पार्टी में उनको कोई भूमिका नहीं दी गई। इसकी वजह से वे और उनका परिवार आहत है। क्षेत्र का भी काम नहीं हो पा रहा है। हेमचंद जांगड़े ने कहा, वे बहुत आहत मन से कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं। राजनीति में संभावनाएं बहुत हैं, अभी भविष्य के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन समाज के लिए काम करता रहूंगा।

सीएम ने मेरे बाबूजी को कभी याद भी नहीं किया

हेमचंद जांगड़े ने कहा, वे देखते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की जन्मतिथि और पूण्यतिथि के अवसर पर जरूर उनको याद करते हैं। क्या वजह है कि उन्होंने मेरे बाबूजी का कभी स्मरण भी नहीं किया। उन्होंने न ही जन्मतिथि पर और न ही पुण्यतिथि पर एक शब्द भी उनके बारे में कहा। मुख्यमंत्री ऐसा क्यों करते हैं ये तो वे ही जानें।

निगम-मंडलों में नियुक्तियों से भी जुड़ी है नाराजगी

बताया जा रहा है कि जांगड़े परिवार की कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नाराजगी सरकारी निगम-मंडल और आयोगों में हुई राजनीतिक नियुक्तियों से भी जुड़ी है। लोकसभा चुनाव के समय सतनामी समाज के नेता जब हेमचंद जांगड़े को कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार कर रहे थे, तब ऐसे पद का भी आश्वासन था। पिछली तीन सूचियों में स्थान नहीं मिलने के बाद उनकी यह उम्मीद टूट गई।

रेशमलाल जांगड़े आजीवन स्वतंत्रता संग्राम के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक "सादगी' का पालन करते रहे। लंबे राजनीतिक जीवन के बाद भी संपत्ति नहीं बनाई।

 

 

 

रेशमलाल जांगड़े आजीवन स्वतंत्रता संग्राम के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक “सादगी’ का पालन करते रहे। लंबे राजनीतिक जीवन के बाद भी संपत्ति नहीं बनाई।

कौन थे रेशमलाल जांगड़े और क्या है उनकी विरासत

15 फरवरी 1925 को बिलाईगढ़ के परसाडीह में जन्मे रेशमलाल जांगड़े ने लारी हाईस्कूल (अब सप्रे स्कूल, रायपुर) में पढ़ाई की। छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीए, नागपुर में एलएलबी किया। स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए, रायपुर में गिरफ्तार हुए। 15 दिन जेल में बिताए। 1950 में जब अंतरिम संसद गठित की गई उसमें जांगड़े सांसद मनोनीत किया गया। उस समय उनकी उम्र केवल 25 साल थी। दो साल बाद पहली लोकसभा में भी वे सांसद चुने गए। दो टर्म सांसद रहने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में पहुंचे। 1972 में उन्होंने जनसंघ में जॉइन कर लिया। 1989 में वे बिलासपुर से फिर लोकसभा चुनाव जीते। 11 अगस्त 2014 को उनका निधन हुआ।

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