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1200 से ज्यादा बच्चों की आंखों में मोबाइल-टीवी ज्यादा देखने से ड्रायनेस की आई शिकायत 

4 years ago
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eyesight of Children and young people being affected due to spending more  time on mobile in lockdown

 

 

 

 

जगदलपुर 30 जून 2021/    कोरोना संक्रमण से तो लोग परेशान हैं ही, लेकिन कोरोना के कारण अब दूसरी परेशानियां भी सामने आने लगी हैं। जिले के अलग-अलग सरकारी और निजी अस्पतालों में सालभर में 1200 से ज्यादा बच्चों की आंखों में ड्रायनेस की शिकायत आई है जिसके कारण आंखों में जलन, दर्द सहित अन्य परेशानियां हो रही हैं और पालक अपने बच्चों को लेकर डाॅक्टरों के पास आ रहे हैं।

अभी तक सिर्फ महारानी हॉस्पिटल की ‘आई ओपीडी’ में सालभर में 900 से ज्यादा बच्चे ऐसी शिकायत लेकर पहुंच चुके हैं। डाॅक्टरों का कहना है कि आंखों में ड्रायनेस की शिकायत आम नहीं है यह तब होता है जब आंखों पर लंबे समय तक जोर पड़ता है। महारानी हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर सरिता थॉमस कहती हैं कि पिछले सालभर में हमारे यहां 900 से ज्यादा बच्चे आंखों की अलग-अलग शिकायत लेकर आए।

इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट थे और ज्यादातर बच्चों की आंखों की जब जांच की गई तो ड्रायनेस की शिकायत मिली। ऐसा तब होता है जब आप बिना पलक झपके लंबे समय तक एक ही जगह नजर गड़ाए रहते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रायनेस का समय पर इलाज नहीं होने पर आगे कई परेशानियां बढ़ती हैं।
रोज 7 से 8 घंटे मोबाइल और टीवी पर बिता रहे बच्चे

इधर जिन बच्चों की आंखों में ड्रायनेस की शिकायत है उनमें से ज्यादातर मोबाइल में ऑनलाइन क्लासेस अटैंड कर रहे हैं। ये क्लासेस 30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक की हैं। इस दौरान बच्चे लगातार मोबाइल पर आंखें गढ़ाए रहते हैं। इसके बाद रिवीजन भी ऑनलाइन करते हैं। सिर्फ पढ़ाई के लिए ही तीन से चार घंटे का समय मोबाइल पर बीतता है।

इसके बाद सोशल मीडिया और गेम्स पर भी दो से तीन घंटे बच्चे बिता रहे हैं। इसके बाद जो समय बचता है उसमें बच्चे टीवी देखते हैं। बच्चों की एक खास बात यह है कि बच्चे जब टीवी या मोबाइल देखते हैं तो वे एक टक देखते हैं। एक टक टीवी देखने से ही ड्रायनेस की शिकायत होती है।
एक्सपर्ट व्यू

बच्चों को कहें, जब भी मोबाइल टीवी देखें तो पलकें झपकाएं

महारानी अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता थॉमस ड्रायनेस से बचने के लिए कई प्रकार की दवाएं बाजार में उपलब्ध है लेकिन डाॅक्टरों का कहना है कि ड्रायनेस की शिकायत से पहले ही एक छोटा सा उपाय कर लिया जाए तो दवाओं की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। डाॅक्टरों के अनुसार जब भी बच्चे मोबाइल या टीवी देखें तो उन्हें बार-बार पलक झपकाने की सलाह दें। बच्चे पलक झपका रहे हैं या नहीं इस पर भी नजर रखें। यह छोटा सा उपाय बच्चों को बड़ी राहत देगा।

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