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छत्तीसगढ़ में नियुक्ति के बाद तीन साल से गायब डॉक्टरों सुनवाई का अंतिम मौका

4 years ago
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Termination notice to 88 doctors of Chhattisgarh; Hundreds of doctors are  missing after appointment in Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में नियुक्ति के बाद  से गायब हैं सैकड़ो डॉक्टर, तीन साल से गायब ...

 

 

 

 

 

रायपुर 24 जून 2021/     छत्तीसगढ़ में नियुक्ति के बाद से सैकड़ों डॉक्टर गायब हैं। स्वास्थ्य विभाग ने उन डॉक्टरों की सेवा समाप्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की है जो 3 वर्ष से अधिक समय से गैर हाजिर हैं। विभाग ने ऐसे 88 डॉक्टरों को सूचना जारी कर सुनवाई का अंतिम मौका दिया है। उन्हें सात दिनों के भीतर कार्रवाई पर अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, इन डॉक्टरों को विभागीय भर्ती से चिकित्सा अधिकारी पद पर नियुक्त किया गया था। उनमें से कुछ ने ड्यूटी जॉइन किया लेकिन कुछ ही महीनों बाद गायब हो गए। बिना किसी पूर्व सूचना अथवा औपचारिक आवेदन के वे लगातार गैर हाजिर चल रहे हैं। कई डॉक्टर ने नियुक्ति मिलने के बाद से कभी अपनी पोस्टिंग वाली जगह पहुंचे ही नहीं। ऐसे में अनधिकृत तौर पर तीन साल से अनुपस्थित चिकित्सा अधिकारियों की सेवा समाप्ति से पहले व्यक्तिगत सुनवाई का अंतिम अवसर दिया जा रहा है। ऐसे लोगों को सात दिनों के भीतर कार्यालयीन समय में संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएं, नवा रायपुर में स्वयं उपस्थित होकर या डाक के माध्यम से अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है। इन सात दिनों में दावा-आपत्ति प्रस्तुत नहीं करने पर इन चिकित्सा अधिकारियों को सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि सेवा से गैर हाजिर रहने की वजह से इन डॉक्टरों को पहले भी वेतन-भत्तों का कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है।

तीन साल तक गैर हाजिरी को माना जाता है इस्तीफा

स्वास्थ्य विभाग के 2013 के एक परिपत्र के मुताबिक “यदि कोई शासकीय कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहता है तो कोई शासकीय सेवक अवकाश सहित या बिना अवकाश के बाह्य सेवा से भिन्न, तीन वर्ष से अधिक निरंतर अवधि के लिये कर्तव्य से अनुपस्थित रहता है तो उसे शासकीय सेवा से त्याग-पत्र दिया हुआ समझा जाएगा। लेकिन इससे पहले उसे अनुपस्थिति के कारण स्पष्ट करने के लिए युक्तियुक्त अवसर दिया जाएगा।”

इन डॉक्टरों को पर प्रस्तावित है कार्रवाई

डॉ. ए. शदाणी, डॉ. विक्रांत ताम्रकार, डॉ.ए.के. जायसवाल, डॉ. शेषनारायण चन्द्राकर, डॉ. मानसी शदाणी, डॉ. संतोष कुमार जायसवाल, डॉ. टी. नरसिम्हा मूर्ति, डॉ. मेरीजेनिश तिग्गा, डॉ. विनय सोनी, डॉ. छबि जांगड़े, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. वंदना देवांगन, डॉ. नागेन्द्र सोनवानी, डॉ. योगेश धावर्डे, डॉ. कालिका प्रसाद जांगड़े, डॉ. विकास गुप्ता, डॉ. अमन सराफ, डॉ. गजेन्द्र सिंह कौशल, डॉ. अर्चना कश्यप, डॉ. उत्पल कुमार चन्द्राकर, डॉ. उमेश कुमार सोनवानी, डॉ. श्रीकांत चन्द्राकर, डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. लक्ष्मीकांत साहू, डॉ. पुष्कर चौधरी, डॉ. कु. मनीषा केसर, डॉ. मधु राठौर, डॉ. मल्लिका कटकवार, डॉ. जया जैन, डॉ. परिणा फारूकी, डॉ. अनुप्रिया झा, डॉ. सोमेन्द्र कुमार धारीवाल, डॉ. चैतन्या साहू, डॉ. सोनाली राठी, डॉ. ममता तिवारी, डॉ. कविता श्रीनिवास, डॉ. महाबीर प्रसाद जौहरी, डॉ. श्रुतिका ताम्रकार, डॉ. वैभव शर्मा, डॉ. कु. मधुलिका चन्द्राकर, डॉ. रोशन कुमार, डॉ. विवेक साहू, डॉ. विश्वजीत करक्डे, डॉ. जी. गौतम, डॉ. रनिता रानी सिंह, डॉ. सोनल अग्रवाल, डॉ. मधुबाला मुलकवार, डॉ. सुखलाल निराला, डॉ. गोपीकृष्ण पटेल, डॉ. संगीता भद्र, डॉ. अमन कुमार शर्मा, डॉ. प्रकाश जायसवाल, डॉ. देवेन्द्र दुबे, डॉ. विनय कुमार सोनी, डॉ. सुजाता पटेल, डॉ. ममता साहू, डॉ. मनीष गोयल, डॉ. वीनिता पाण्डे, डॉ. उमेश साहू, डॉ. शुभम वैष्णव, डॉ. प्रभात विश्वकर्मा, डॉ. विभा सेंदूर, डॉ. दीपक दुबे, डॉ. अंजू भास्कर, डॉ. इवेन्द्र वाहने, डॉ. तजमूल हुसैन, डॉ. दिनेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. मनीष पाठक, डॉ. अंकित चंदेल, डॉ. राघवेन्द्र सिंह, डॉ. आदित्य नारायण गुईन, डॉ. अभिषेक कोसले, डॉ. राहुल देव टंडन, डॉ. हरिशचंद्र पटेल, डॉ. शुभलक्ष्मी गटलेवार, डॉ. धर्मेंद्र सैयाम, डॉ. रूपेन्द्र कुमार साहू, डॉ. भोज कुमार साहू, डॉ. वाई. सौजन्या, डॉ. रविशंकर सिंह, डॉ. अनामिका पटेल, डॉ. प्रांजल प्रधान, डॉ. दीपांकर साहू, डॉ. सौरभ मंदिलवार, डॉ. राजीव तिवारी, डॉ. स्मिता जकारिया और डॉ. वैभव कौशिक।

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