• breaking
  • News
  • कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत 

कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत 

4 years ago
122

Prime Minister Narendra Modi to launch Customized Crash Course programme for Covid 19 Frontline workers | कोरोना: फ्रंटलाइन वर्कर्स को PM Narendra Modi की सौगात, लॉन्च करेंगे कस्टमाइज्ड क्रैश ...

 

 

वायरस के आगे भी म्यूटेड होने की आशंका; आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा : PM मोदी 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली 18 जून 2021/    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तैयार किए गए क्रैश कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत की। यह क्रैश कोर्स देश के 26 राज्यों में शुरू किया जा रहा है। इसके लिए करीब 111 ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी वेव में हमने देखा कि कोरोना वायरस का बदलना हमारे सामने किस तरह की चुनौतियां ला सकता है। वायरस अभी भी हमारे बीच है। इसके म्यूटेड होने की आशंका भी बनी हुई है। इसलिए आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए देश को तैयार करना होगा। इसीलिए आज एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को तैयार करने का महाभियान शुरू हो रहा है।

प्रधानमंत्री के संबोधन की 5 अहम बातें
1. एक लाख युवाओं को ट्रेंड किया जाएगा

कोरोना से लड़ रही फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश के एक लाख युवाओं को ट्रेंड करने का निर्णय किया है। यह काम दो-तीन महीने में ही हो जाएगा, इसलिए यह तुरंत ही उनके लिए उपलब्ध हो जाएंगे। देश के टॉप एक्सपर्ट्स ने ये क्रैश कोर्स डिजाइन किया है। आज छह कस्टमाइज कोर्स लॉन्च किए जा रहे हैं। इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंट लाइन फोर्स को नई मदद मिलेगी।

2. स्किल, रीस्किल और अपस्किल का मंत्र दिया
अब स्किल, रीस्किल और अपस्किल यह मंत्र बहुत मददगार होगा। बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी स्किल को वैल्यूएड करना अपस्किल है और इस समय इसी की मांग है। स्किल, रीस्किल और अपस्किल के महत्व को समझते हुए देश में स्किल इंडिया मिशन शुरू किया गया है। पहली बार अलग से कौशल विकास मंत्रालय बनाया गया। केंद्र और ITI खोलना, उनमें लाखों नई सीटें जोड़ना इस पर लगातार काम किया गया।

3. पैरा मैडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का फोकस
इस बात की देश में बहुत चर्चा नहीं हो पाई कि स्किल इंडिया के इस प्रोग्राम ने देश को कितनी बड़ी ताकत दी। जब से कोरोना की चुनौती हमारे सामने आई है, तब से कौशल विकास मंत्रालय ने लोगों को ट्रेंड करने में बहुत महत्वपूर्ण काम किया है। साथियों हमारी जनसंख्या को देखते हुए पैरा मैडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य सेवाओं में बीते कुछ वर्षों में बहुत फोकस तरीके से काम किया गया है।

4. हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का काम चल रहा
नए एम्स और नए नर्सिंग कॉलेज के काम पर बहुत बल दिया गया है। इसी तरह मेडिकल एजुकेशन और रिफॉर्म्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आज जिस गति से हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का काम चल रहा है, वह बहुत अभूतपूर्व है। आशा, ANM और गांव-गांव में तैनात हमारे कर्मचारी, भौगोलिक परिस्थिति कितनी भी विषम हो, ये साथी अपनी सेवाएं देने में जुटे हैं। टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में इन साथियों ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है।

5. युद्ध स्तर पर कोरोना से जंग जारी
कोरोना महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क किया है। आज देश के दूर सुदूर में अस्पतालों तक वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर्स तेज गति से पहुंचाने का काम किया जा रहा है। डेढ़ हजार से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।

ट्रेनिंग के दौरान और बाद में फायदे

  • फ्रंटलाइन वर्कर्स के खास ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत उम्मीदवारों को फ्री ट्रेनिंग के साथ खाने और रहने सुविधा, स्टाइपेंड, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट और सर्टिफाइड उम्मीदवारों को 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी दिया जाएगा।
  • फ्रंटलाइन वर्कर्स की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उम्मीदवार DSC/SSDM की व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों में काम कर सकेंगे।

कोरोना वॉरियर्स को सशक्त करना मकसद
इस प्रोग्राम का मकसद देशभर में एक लाख से अधिक कोरोना वॉरियर्स को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है। कोरोना वॉरियर्स को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे 6 टास्क से जुड़े रोल के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।

276 करोड़ रुपए आया खर्च
इस प्रोग्राम के लिए 276 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत आने वाला प्रोग्राम है, जिसे खासतौर पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा।

Social Share

Advertisement