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छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस अब आयुष्मान योजना में शामिल, चुनिंदा निजी अस्पतालों में भी इलाज का खर्च उठाएगी सरकार

4 years ago
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Black fungus in Chhattisgarh More than 114 cases of black fungus in  Chhattisgarh 78 patients admitted in AIIMS so far

 

 

 

 

 

रायपुर 16 जून 2021/    छत्तीसगढ़ में सभी सरकारी और चुनिंदा निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के नि:शुल्क इलाज का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले ही इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।

छत्तीसगढ़ में एपिडेमिक कंट्रोल के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, ब्लैक फंगस के महंगे इलाज में मरीजों की मदद के लिए इसे राज्य सरकार के डॉ. खूबचंद बघेल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना में पहले ही शामिल कर लिया गया था। इसी के तहत मरीजों को नि:शुल्क इलाज दिया जा रहा था। इसको केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में शामिल कराने की कोशिश भी हो रही थी। पिछले दिनों विभाग ने बाकायदा एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने बताया, केंद्र सरकार से ब्लैक फंगस को आयुष्मान योजना में शामिल करने की अनुमति मिल गई है। अब सभी परिवार नि:शुल्क इलाज के दायरे में आ गए हैं। छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का पहला केस 21 अप्रैल के आसपास आया था। मई में इसे नोटिफिएबल डिजीज घोषित कर दिया गया।

आयुष्मान में 36.50 लाख परिवार

केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के दायरे में प्रदेश के 36 लाख 50 हजार से अधिक परिवार आते हैं। योजना के तहत परिवार को एक वर्ष में 5 लाख रुपए तक के इलाज का खर्च नि:शुल्क हो जाता है। करीब 19 लाख गरीबी रेखा से नीचे और 9 लाख सामान्य परिवारों को राज्य सरकार ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का सुरक्षा कवर दिया है। इसके तहत 50 हजार से 20 लाख तक के इलाज का खर्च सरकार उठाती है।

बीते 24 घंटों में 3 मरीजों की मौत

इधर प्रदेश में ब्लैक फंगस से संक्रमण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बीते 24 घंटों में 12 नए केस सामने आए हैं। वहीं तीन मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 317 लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके। इनमें से 37 लोगों की मौत हो चुकी है।

क्या है यह ब्लैक फंगस बीमारी

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाईयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि यह फंगस शरीर के अन्दर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे। इसकी वजह से गम्भीर बीमारी हो सकती है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।

यह लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को बताएं

आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या लाल तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक अथवा तालु काले रंग का होना। दांत में दर्द, दांतों का ढीला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा पर चकत्ते आना, छाती में दर्द, बुखार, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी और मानसिक स्थिति में परिवर्तन दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टरों ने कुछ उपाय बताए हैं। उसके मुताबिक धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर इससे बचा जा सकता है।

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