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राहुल के तंज पर सीतारमण : वित्त मंत्री ने लोकसभा में दो बार दामाद शब्द बोला; कहा- एक पार्टी के दो लोग बेटी-दामाद संभालते हैं, पर हमारी करीबी जनता

4 years ago
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सीतारमण ने कहा कि जो लोग हम पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि हम घनिष्ठों के लिए काम करते हैं, उन्हें बता दूं कि स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना किसी करीबी के लिए नहीं है। - Dainik Bhaskar

 

 

 

मुंबई, 13 फरवरी 2021/   वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट भाषण पर चर्चा का जवाब दिया। सीतारमण ने लोकसभा में अपनी स्पीच में दो बार दामाद का जिक्र किया। उनका इशारा सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की ओर था, लेकिन उन्होंने उनका नाम नहीं लिया। सीतारमण ने राहुल गांधी के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि देश को 4 लोग चलाते हैं- हम दो और हमारे दो। वित्त मंत्री राज्यसभा में भी इसी तरह का कटाक्ष कर चुकी हैं।

राहुल हम दो-हमारे दो वाले बयान पर निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हम और हमारे दो का मतलब है- दो लोग पार्टी को संभालेंगे और दो अन्य लोग हैं, जिन्हें संभालना है यानी बेटी और दामाद। हम ऐसा नहीं करते। हमने 50 लाख स्ट्रीट ट्रेडर्स को एक साल तक 10 हजार दिए। ये स्ट्रीट वेंडर्स किसी के घनिष्ठ मित्र नहीं हैं।’

निर्मला बोलीं- दामादों को जमीनें बांटी गईं

निर्मला यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कहा, ‘जो लोग हम पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि हम घनिष्ठों के लिए काम करते हैं, उन्हें बता दूं कि स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना किसी करीबी के लिए नहीं है। उधर दामादों को उन राज्यों में जमीनें बांटी गईं, जिनमें कभी कुछ पार्टियों का शासन था। जैसे राजस्थान हरियाणा में। हमारे करीबी कौन है? हमारी करीबी इस देश की आम जनता है।’

अपनी स्पीच में और क्या बोलीं निर्मला

महामारी में भी सुधार के काम किए: सीतारमण ने कहा, ‘महामारी में भी सरकार ने प्रोत्साहन और सुधार जैसे काम किए हैं। ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात भी सरकार को इस देश में विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों पर फैसले लेने से नहीं रोक सकती है। शशि थरूर यहां पर मौजूद हैं। केरल में जब उनकी पार्टी की सरकार थी तो इन लोगों ने एक करीबी को यहां बुलाया था। कोई टेंडर नहीं निकाला और एक पोर्ट डेवलपमेंट का काम दे दिया। और, ये लोग हमें क्रोनी कैपिटलिस्ट कहते हैं?’

स्वनिधि योजना से गरीबों को फायदा: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से गरीबों को फायदा हुआ है, दलितों और पिछड़ों को फायदा हुआ है। ये बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन अनुभवों पर आधारित है, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। ये बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। महामारी के बावजूद देश आत्मनिर्भर बनेगा। बजट में जिन रिफॉर्म्स का प्रावधान किया गया है, उसकी वजह से भारत के दुनिया की टॉप इकोनॉमी बनने का रास्ता साफ होगा।

कोरोना पर कंट्रोल की वजह से इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी: उन्होंने कहा, ‘इस बजट में महामारी के बीच भी मौके की तलाश की गई है। दुनिया के कई देशों में कोरोना फिर से अपना प्रकोप दिखा रहा है। भारत में कोरोना पर कंट्रोल की वजह से इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाया है।’

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