Hal Shashti 2022: संतान प्राप्ति की कामना के लिए महिलाएं करती हैं हलषष्ठी व्रत, पूजा विधि के साथ जानें नियम

रायपुर, 16 अगस्त 2022/ संतान की प्राप्ति, बच्चों की लम्बी उम्र, उनकी रक्षा और संकटों से बचाये रखने के लिए हलषष्ठी व्रत यानी कमरछट का पर्व 17 अगस्त बुधवार को मनाया जायेगा। छत्तीसगढ़ की माताएं, अपनी संतान की समृद्धि और लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं। इसके साथ ही अपने बच्चों की उज्जवल भविष्य की कामना हलषष्ठी माता से मांगा जायेगा।

छत्तीसगढ़ में प्रचलित दो व्रत

वैसे तो हिन्दू धर्म में कई व्रत और त्यौहार हैं, पर छत्तीसगढ़ अंचल में दो ही व्रत ऐसे हैं जिन पर महिलाओं की सबसे ज्यादा आस्था है। एक तीजा और दूसरा कमरछट। जिसमें तीजा सुहाग के लिए और कमरछट संतान के लिए रखा जाता है।

मान्यतानुसार इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। हल को वे अपने अस्त्र के रूप में कंधे पर धारण किये रहते थे, इसलिए पूजा के बाद व्रत पारणा में भी हल से उपजे अन्न का उपयोग नहीं किया जाता, बल्कि लाल चावल (पसहर) का उपयोग किया जाता है और हल चले स्थानों पर भी नहीं चला जाता। इसलिए छत्तीसगढ़ की महिलाएं इस दिन खेत में काम करने नहीं जाया करती।