चुनाव आयोग का अहम फैसला, आधार कार्ड से लिंक होगा वोटर आईडी, महाराष्ट्र से होगी शुरुआत
चुनाव आयोग ने अहम फैसला लेते हुए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान शुरु करने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग की यह मुहिम एक अगस्त से शुरू होने जा रही है। इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के की जाएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि इसका मकसद मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना है। साथ ही इससे ये भी पता चलेगा कि उसका नाम दो क्षेत्रों या एक ही इलाके के मतदाता सूची में दो बार तो नहीं जुड़ा है। इसके अलावा इससे कोरोना संक्रमण रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे तुरंत पता चल जाएगा कि मतदानकर्मी या मतदाता ने वैक्सीन की पूरी डोज ली है या नहीं।
आसान है प्रक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Officer) मकरंद देशपांडे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इसे लिंक करने की प्रक्रिया काफी सरल होगी। अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो 11 डॉक्यूमेंट्स को विकल्प के तौर पर रखा गया है। इसके अलावा पहले 1 जनवरी को 18 साल पूरा होने पर ही किसी को मतदान के लिए एलिजिबल माना जाता था लेकिन अब हर क्वार्टर पर मतदाता एलिजिबल माना जाएगा। यानी साल में 4 बार मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया जा सकता है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड से जोड़ने की मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।
कैसे करें आवेदन
आपको बता दें कि आधारकार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के लिए फॉर्म भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारी, महाराष्ट्र की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इसके अलावा ERO Net, GARUDA, NVPS, VHA जैसी आधिकारिक वेबसाइट के जरिए भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जाएगी। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है वे फार्म के साथ मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त किसान पासबुक, स्वास्थ्य स्मार्टकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा उपलब्ध कराया गया स्मार्ट कार्ड, पासपोर्ट, फोटो लगे पेंशन से जुड़े कागजात, केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारियों के पहचान पत्र, विधायक, सांसद द्वारा दिए गए पहचान पत्र, सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिए गए पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं।