देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में पद ग्रहण किया
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2022/ द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ले ली। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने उनको संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू का राष्ट्रपति बनना कई लिहाज से ऐतिहासिक है। आजादी के 75वें साल में देश का सर्वोच्च पद पहली बार आदिवासी समुदाय के किसी व्यक्ति को मिला है। मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की शख्सियत हैं। प्रतिभा पाटिल के बाद मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद रहे।
शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू का संबोधन
“मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, पिछड़े मुझे अपना प्रतिबिंब दिखाते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा।
संसद में मेरी मौजूदगी भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है।
मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी।
राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।’