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नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, रिजर्व बैंक ने दी बड़ी राहत

3 years ago
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RBI Monetary Policy: RBI Credit Policy No Change In Repo Rate And Reverse Repo  Rate By Reserve Bank Governor Shaktikanta Das - रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों  पर किया बड़ा फैसला, कोरोना

 

 

08 अप्रैल 2022/    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा करने के बाद नई ब्याज दरों के बारे में घोषणा कर दी है। रिजर्व बैंक ने 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद नई रेपो रेट व रिजर्व रेपो रेट के बारे में ऐलान किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीते दो साल के संकट के बाद जब हम महामारी की स्थिति से बाहर निकल रहे थे, लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था 24 फरवरी से यूरोप में युद्ध की शुरुआत के साथ विवर्तनिक बदलाव देख रही है। युद्ध के चलते प्रतिबंधों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम नई लेकिन भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रमुख वस्तुओं की कमी, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना में बाधा और डी-वैश्वीकरण का डर बना हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में देखा जा रहा है। दास ने कहा कि कई विपरीत परिस्थितियों में फंसे होने के कारण हमें सतर्क रहने की जरूरत है। भारत के विकास, मुद्रास्फीति और वित्तीय स्थितियों पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में हम लगातार सक्रिय है।

बुधवार को शुरू हुई थी बैठक

RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार से शुरू हो गई। केंद्रीय बैंक हर दो महीने में मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है और बीते दो दिन से इसकी बैठक चल रही है। गौरतलब है कि RBI की नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव का वाणिज्यिक बैंकों के विभिन्न ऋण उत्पादों पर प्रभाव पड़ता है। आरबीआई की नीतिगत ब्याज दरों का सबसे ज्यादा असर होम लोन पर होता है। फिलहाल अधिकांश बैंक रेपो रेट के आधार पर होम लोन पर ब्याज वसूल करते हैं।

रूस यूक्रेन युद्ध के कारण बदली वैश्विक स्थिति

गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चेन बाधित होने और तेल के दाम में बढ़ोतरी के कारण दुनिया के अधिकांश देशों में महंगाई चरम पर है। युद्ध के कारण वैश्विक स्थिति लगातार बदल गई है। यही कारण है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए RBI का जोर ऐसे कदमों पर भी हो सकता है जो न सिर्फ देश को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराएं।

चालू वित्त वर्ष में RBI की पहली बैठक

चालू वित्त वर्ष में मौद्रिक नीति समिति की यह पहली बैठक है। बीती 10 बैठकों में समिति ने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर की नीतिगत ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। RBI ने पिछली बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में कटौती की थी, तब से यह अपने सर्वकालिक निचले स्तर 4 फीसदी पर बनी हुई है। इस बीच बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बीते सप्ताह एक रिपोर्ट में कहा था कि RBI चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए महंगाई दर बढ़ा सकता है। यह आर्थिक विकास दर की संभावना को भी कम कर सकता है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है और इसमें 2 फीसदी का उतार चढ़ाव होने की संभावना है।

 

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