क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग से बचना है, तो रिसाइकिल, आर्टिफिशियल मीट हो सकते हैं बेस्ट ऑप्शन
29 जनवरी 2022/ क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या अब हम चाह कर भी इग्नोर नहीं कर सकते है और करनी भी नहीं चाहिए। लेकिन हम आज भी ऐसे कई काम करते हैं जिसकी वजह से क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या बढ़ती जा रही है। जाने अनजाने में ही सही लेकिन अब हमें समझना होगा की इन समस्याओं को हमें ही दूर करना है। तो चलिए आज इन्ही की बात करते है।
1.LED लाइट्स का इस्तेमाल करना
सबसे पहले तो हमें क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल करना चाहिए। फाजिल फ्यूल जैसे कोल, पेट्रोल, डीजल, इन सभी का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा किया जाता है। जिसकी वजह से क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग और तेजी से बढ़ता जा रहा है। अगर आपके पास इलेक्ट्रिक व्हीकल है तो उसका इस्तेमाल करना ज्यादा अच्छा है और अगर नहीं है तो कोशिश कीजिए की आप पब्लिक व्हीकल या साइकिल का इस्तेमाल करें।
क्लीन-एनर्जी जैसे LED लाइट्स का इस्तेमाल करना एक अच्छा ऑप्शन होगा। LED लाइट नॉर्मल बल्ब के मुकाबले 90% कम एनर्जी कंज्यूम करती है और साथ ही इसके इस्तेमाल से आपका बिल भी कम आएगा। अपने स्मार्टफोन और बाकि सभी स्मार्ट गैजेट को ओवरचार्ज न करें ये आपके गैजेट के लिए तो बुरा है ही साथ ही इससे एनर्जी भी वेस्ट होती है।
2.आर्टिफिशियल मीट
बे जान मासूम जानवरों को मारने से भी क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या और बाढ़ जाती है। इन्हें मारने से एन्वायर्नमेंट साइकिल डिस्टर्ब होती है, तो कोशिश करें कि आप प्लांट बेस्ड फूड का ज्यादा कन्जूम करें।
अगर आपको मीट या नॉन-वेज खाना ही है तो आजकल प्लांट बेस्ड मीट भी एक अच्छा ऑप्शन है और अगर आपका ये मानना है की इसमें वो बात नहीं जो रियल मीट में है तो आप लैब बेस्ड मीट भी खा सकते है जो कि लैब में साइंटिस्ट तरीके से उगाया जाता है और स्वाद में एकदम रियल मीट जैसा ही होता है।
ऐसे ही हमें ऐनिमल स्किन बेस्ड क्लॉथिंग का बहिष्कार करना चाहिए और सिंथेटिक लेदर का इस्तेमाल करना चाहिए। कई बड़ी टेक कंपनियां जैसे एपल, सैमसंग और शाओमी प्लास्टिक प्लास्टिक वेस्ट से कई अलग-अलग तरह की क्लॉथिंग बनाने की कोशिश में है ।
3.रिसाइकल
आखिर में आता है रिसाइकलिंग। कोशिश कीजिए कि जो भी गैजेट अब आप इस्तेमाल नहीं करते उसे रिसाइकलिंग के लिए भेज दें। ताकि इसके पार्ट्स को निकाल कर उन पार्ट्स को किसी और प्रोडक्ट में इस्तेमाल किया जा सके। अगर वो गैजेट सही हो सकता है तो उसे रिपेयर करके मार्केट में लांच कर दिया जाता है और वही प्रोडक्ट आपको रिफर्बिस्ड के नाम से देखने को मिलता है।