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माता-पिता इन टिप्स के साथ ऐसे बढ़ाएं अपने बच्चों की मेंटल हेल्थ

3 years ago
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Parenting Tips: माता-पिता इन टिप्स के साथ ऐसे बढ़ाएं अपने बच्चों की मेंटल हेल्थ

27 जनवरी 2022/   बच्चों की देखभाल किसी भी पेरेंट के लिए एक सबसे बड़ी जिम्मेदारी (Greatest Responsibility for Parents) होती है। ये एक ऐसी जिम्मेदारी है, जिसकी शुरुआत बच्चे के आने की खबर के साथ होती है और ताउम्र माता-पिता के साथ चलती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर व्यक्ति की फिजीकल हेल्थ (Physical Health) की तरह उसकी मेंटल हेल्थ (Mental Health) भी बहुत जरूरी होती है और इस पर ध्यान देनें का सबसे अच्छा समय बचपन (Childhood) होता है। चाहें वह अपने बच्चों को इमोशन और स्ट्रेस को संभलने का तरीका सिखाना हो या फिर उनके सेल्फ-स्टीम का निर्माण करना, या फिर उन्हे नए लोगों के साथ जुड़ना सिखाना हो, हर माता-पिता को अपने बच्चे की मेंटल हेल्थ की नींव की स्थापित करनी पड़ती है। इस स्टोरी में हम आपके साथ कुछ ऐसी टिप्स शेयर करेंगे, जिनके जरिए आप अपने बच्चे की मेंटल हेल्थ को बूस्ट (Tips To Boost Mental Health Of Your कर पाएंगे…

अनहेल्दी हैबिट्स जीवन भर बनी रहती हैं और व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती हैं।

अनियमित स्क्रीन टाइम आपके बच्चे की पूरी हेल्थ के साथ खिलवाड़ कर सकता है और उनके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि कम शारीरिक गतिविधि से डिप्रेशन और अस्वस्थ रहने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि “बच्चों के लिए गैजेट का इस्तेमाल और स्क्रीन-टाइम के मामले में सेल्फ रेगुलेटेड होना बहुत जरूरी है।

माता-पिता को अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि उसे अपने और दूसरों के साथ कैसे जुड़ना है क्योंकि यह जीवन को समझने का सबसे अच्छा तरीका है और साथ ही साथ ज्यादा पॉजिटिव और खुश महसूस कराता है। माता पिता को एक्सपर्ट्स ये सलाह देते हैं कि बच्चों को नियमित रूप और डायरेक्ट तरीके से खुद के और दूसरे लोगों से जुड़ना सिखाएं।

फिजीकल एक्टिविटी न केवल आपके बच्चे को शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद करती है बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि वे अपने मेंटल हेल्थ के टॉप पर भी बने रहें।

माता-पिता को अपने बच्चों में तनाव को मैनेज करने और सम्सयाओं को संभालने का कौशल विकसित करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी निगरानी में बच्चों को ऐसे टास्क कराएं, जिससे उनमें स्ट्रेस मैनेज करने और प्रॉब्लम को सॉल्व करने की स्किल्स डेवलप हों।

किसी भी पेरेंट को पैराशूट पेरेंट होनें की जरूरत नहीं है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आपका बच्चा इस बात को लेकर के आश्वस्त हो कि जरूरत के समय में आप उसके लिए हमेशा मौजूद रहेंगे।

बच्चों को सरल उदाहरणों, कहानियों और खेलों के माध्यम से प्रभावी मुकाबला और समस्या-समाधान कौशल विकसित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

उनके साथ बॉन्ड को स्ट्रॉन्ग करने के लिए, बच्चों को उन कठिनाइयों के बारे में समझाना महत्वपूर्ण है जिनसे वे गुजर रहे हैं। और इस बात को बताए कि आप बिना उन्हें जज करें उनका समर्थन करेंगे।

खराब नींद, आसान थकान, चिड़चिड़ापन, चिंता, रुचि में कमी जैसे लक्षणों के मामले में माता-पिता को बिना किसी झिझक के अपने या अपने बच्चों के लिए मदद लेनी चाहिए क्योंकि यह अंडरलाइंग स्ट्रेस की स्टार्टिंग के साइन हो सकते हैं।

हर कीमत पर अपने बच्चों की आलोचना करने और उन्हें जज करने से बचें।

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