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बीजापुर हमले का मास्टरमाइंड हिडमा कभी स्कूल नहीं गया, लेकिन अंग्रेजी बोलता है

4 years ago
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Who Is Hidma Mastermind Of Naxal Attack In Chhattisgarh - मुठभेड़: छत्तीसगढ़ नक्सली हमले का कौन है मास्टरमाइंड? एक नजर में पढ़िए उसकी पूरी कुंडली.. - Amar Ujala Hindi News Live

 

 

ताड़मेटला और झीरम घाटी हमले में भी इसी का हाथ था

रायपुर, 05 अप्रैल 2021/   छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को हुई मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए। इसका मास्टरमाइंड नक्सलियों की पिपुल्स लिब्रेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन 1 का कमांडर हिडमा है। पुलिस को पिछले कुछ दिनों से बीजापुर और सुकमा जिले के जोनागुडा, टेकलगुड़ुम और जीरागांव में हिडमा और उसके साथी नक्सलियों के जमा होने की खुफिया जानकारी मिल रही थी। राज्य की पुलिस ने हिडमा को पकड़ने के लिए ही मिशन लॉन्च किया।

खबर है कि हिडमा ने अपने साथी नक्सलियों के साथ फोर्स पर LMG जैसी बंदूकों से छिपकर फायरिंग की। इसमें जवान शहीद हो गए।

हिडमा की बटालियन के पास आधुनिक हथियार
शनिवार को DRG, STF और CRPF के बहादुर जवान नक्सली कमांडर हिडमा के कोर एरिया में घुस गए। हिडमा की बटालियन नंबर 1 आधुनिक हथियारों से लैस रहती है। हैवी फायरिंग में जवान फंस गए और 23 शहादतों का दुख अब प्रदेश झेल रहा है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि 12 से अधिक नक्सली भी मारे गए हैं। घटना के बाद मिले इनुपट साझा करते हुए बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने बताया कि हिडमा की मौजूदगी की जानकारी हमें मिली थी। मुठभेड़ के दौरान मारे गए नक्सलियों के शव को 3 ट्रैक्टरों में भरकर ले भागे हैं। हिडमा की सर्चिंग जारी है।

4 साल पहले हिडमा को गोली लगी थी
हिडमा दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का बड़ा नक्सल लीडर है। चार साल पहले सुकमा में चलाए गए ऑपरेशन प्रहार में उसे गोली लगी थी, लेकिन बताया जाता है कि वह बच गया। उस पर 25 लाख रुपए का इनाम है। हिडमा बस्तर का रहने वाला इकलौता ऐसा आदिवासी है जो नक्सलियों की सबसे खूंखार बटालियन को लीड करता है। बाकी सभी लीडर आंध्रप्रदेश मूल के हैं।

बड़ी वारदातों में हिडमा का हाथ
इससे पहले सुकमा के भेज्जी में हुए हमले के पीछे भी हिडमा ही था, इसमें CRPF के 12 जवान शहीद हुए थे। 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुए हमले में भी हिडमा शामिल था, इस हमले में कांग्रेस नेताओं समेत 30 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 2010 में चिंतलनार के करीब ताड़मेटला में CRPF के 76 जवानों की शहादत के पीछे भी हिडमा ही माना जाता है।

 

अनपढ़ होने के बाद भी बोलता है फर्राटेदार अंग्रेजी
हिड़मा का पूरा नाम मांडवी हिडमा उर्फ इदमुल पोडियाम भीमा है। वह सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके के पुड़अती गांव का निवासी है। अनपढ़ होने को बावजूद वह न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है, बल्कि कंप्यूटर का भी जानकार है। उसे गुरिल्ला वार में महारत हासिल है। उसने दो शादियां की हैं। इसकी पत्नियां भी नक्सल गतिविधियों में शामिल हैं। हिडमा के तीन भाई हैं। इनमें से मांडवी देवा और मांडवी दुल्ला गांव में खेती करते हैं। तीसरा मांडवी नंदा गांव में नक्सलियों को पढ़ाता है। हिडमा की बहन भीमे दोरनापाल में रहती है।

1 साल पहले भी 17 जवान शहीद
सुकमा जिले के कसालपाड़ के जंगलों में करीब 1 साल पहले नक्सलियों और जवानों के बीच आमने-सामने की भीषण मुठभेड़ हुई। पांच घंटे की गोलाबारी में DRG और STF के 17 जवान शहीद हुए थे। उस वक्त सर्चिंग से लौट रही फोर्स को नक्सलियों ने कोराज डोंगरी के पास घेरा था। फोर्स तब भी नक्सली नेता हिडमा को मारने गई थी। NIA के डेटाबेस के मुताबिक, हिडमा की उम्र 51 साल के आस-पास बताई जाती है।

बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने के लिए हिडमा का खात्मा जरूरी
शनिवार को हुई इस ताजा मुठभेड़ के बाद बीजापुर पुलिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कई सालों से दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी जो कि नक्सलियों का एक बड़ा संगठन है इसके PLGA बटालियन नंबर 1 को ताकतवर गोरिल्ला फोर्स के रूप में नक्सली इस्तेमाल करते हैं। इसका कमांडर हिडमा ही है।

नक्सलियों की ये बटालियन लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करते हुए गांव वालों की हत्या करना, उन्हें डराने का काम करती है। अगर बस्तर में नक्सल समस्या का समाधान करना हो तो बटालियन नंबर वन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करनी जरूरी है।

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