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प्रधानमंत्री आवास पर रमन सिंह का आरोप- कांग्रेस ने 16 लाख गरीब परिवारों से पक्की छत छीनी, भूपेश बोले-पहले जनगणना करा लें
रायपुर, 16 फरवरी 2023/ छत्तीसगढ़ के चुनावी साल में भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ कई मोर्चे खोल दिये हैं। अब यहां प्रधानमंत्री आवास के मुद्दे पर जुबानी जंग छिड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य सरकार पर प्रदेश के 16 लाख गरीब परिवारों से पक्की छत छीन लेने का आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि गरीबों का यह आंकड़ा कब आया। उन्होंने भाजपा को पहले जनगणना कराने के लिए केंद्र सरकार से मांग करने की सलाह दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट डाली। लिखा, फरेब की दुकान लगाकर झूठ बेचने वाले दाऊ भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास वापिस लौटा कर न केवल 16 लाख परिवारों से छत छीनी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गर्त में डाल दिया है। इन कच्चे मकानों पर अब जनता को जवाब दो। इन सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आंकड़ों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा, 16 लाख बेघर गरीबों का आंकड़ा कहां से आया? कोई जनगणना तो हुई नहीं है। गरीबी रेखा की सूची जारी नहीं हुई है। तो किस आधार पर 16 लाख की बात कह रहे हैं। 2001 के, 2011 के किस आधार पर कह रहे है?
मुख्यमंत्री ने कहा, हर 10 साल में जनगणना का प्रावधान है। अभी तो 2021 का डेट भी निकल गया। जनगणना क्यों नहीं कराते ये लोग। हो सकता है कि ये 16 लाख आंकड़े बताएं हैं वह 18 लाख हो जाएं। हो सकता है कि इससे कम हों। केंद्र में भाजपा की सरकार जनगणना शायद इसलिए नहीं करा रही है कि देश में गरीबों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह मेरा आरोप है। यहां भाजपा के लोग हल्ला कर रहे हैं। जनगणना हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
CAA-NRC के चक्कर में जनगणना न रोके सरकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 10 साल में देश की स्थिति वहीं के वहीं तो नहीं रहती। या तो घटेगा या बढ़ेगा। उसकी वास्तविक जानकारी तो होनी चाहिए। आखिर 10 साल में जनगणना कराने का उद्देश्य क्या था? देश के लोगों की माली हालत में कितना परिवर्तन आया। उस आधार पर सरकारें योजना बनाती है। अब आंकड़े तो हैं ही नहीं। बिना आधार के काम करेंगे आप। भाजपा के लोग जो गली-गली घूम रहे हैं उनको पहले केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए कि जनगणना कराएं। सीएए-एनआरसी के चक्कर में पूरे देश की जनगणना न रोकें। सीधे-सीधे जनगणना करा लेते तो केंद्र सरकार की कमजोरी-नाकामी उजागर हो जाती। अब चुनाव हैं तो उसको दूसरे ढंग से कह रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना पिछड़ी है यहां
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर बनाने के लिए एक लाख 30 हजार रुपए की सहायता मिलती है। छत्तीसगढ़ में यह योजना लक्ष्य से पिछड़ गई है। केंद्र सरकार ने 2021-22 में राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने के प्रोजेक्ट को वापस ले लिया। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया, इस योजना में जो राशि राज्य सरकार को देना था, वह समय-सीमा के भीतर नहीं दिया गया। इसकी वजह से यह लैप्स हो गया। राज्य सरकार ने बाद में इसके लिए बजट में प्रावधान किया, लेकिन पुराने मामलों के लंबित होने की वजह से काम पूरा नहीं हो पाया।
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