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इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने किया इनोवेशन, खेतों की सिंचाई में पानी की बर्बादी रोकेगी डिवाइस, ऐप पहले ही बता देगा मिट्टी की नमी

2 years ago
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पौधों में डिवाइस की टेस्टिंग करते स्टूडेंट्स - Dainik Bhaskar

भिलाई, 26 दिसंबर 2022/  इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो खेत में फसल को उतना ही पानी देगा, जितनी जरूरत होगी। इतना ही नहीं इसे चालू और बंद करने के लिए वहां किसी के रहने की भी जरूरत नहीं है। यानी इस डिवाइस की मदद से किसान घर पर बैठे अपनी फसल को पानी दे पाएंगे। इससे न तो पानी की बर्बादी होगी और न ही फसल खराब होगी।

रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज (आर-1) के टेक्नोक्रेट्स ने विशेष पोर्टेबल डिवाइस तैयार किया है। जो खेत में इंस्टॉल करने पर मिट्टी की नमी, नाइट्रोजन, पोटेशियम और फासफोरस की मात्रा लगातार डिटेक्ट करता रहेगा। मिट्टी में नमी कम होने पर डिवाइस पानी की मात्रा जांच कर और कंट्रोलर को पानी सप्लाई चालू करने की कमांड देगा।

ऐप को गूगल वेदर और आईएमडी से भी लिंक किया है। इसकी मदद से ऐप बारिश से लेकर ओस तक का हिसाब रखेगा। साथ ही किसान को मोबाइल पर इसकी पूरी जानकारी घर बैठे देता रहेगा। इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की इस तकनीक को ओडिशा सरकार ने एक लाख रुपए की राशि के साथ ओडिशा हैकॉथान में प्रथम पुरस्कार दिया है।

मात्र 1700 रुपए खर्च करके तैयारी की डिवाइस

स्टूडेंट्स प्रियांशु महतो, शुभायन महतो, विवेक पाठक और ऋषभ सिंह ने बताया कि उन्होंने इस तकनीक और ऐप का नाम “अनाज” दिया है। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस का मॉडल उन्होंने महज 1700 रुपए की लागत से तैयार किया है। यह मॉडल एक एकड़ खेत के लिए बनाया गया है। इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए रिसर्च जारी है।

डिवाइस में लगे हैं विशेष सेंसर

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने भास्कर से खास बातचीत में बताया कि इस डिवाइस में खास तरह के सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। ये सेंसर मिट्टी और खाद की मॉनिटरिंग करते हैं। मिट्टी को कब कितना पानी चाहिए उसके हिसाब से ये मशीन को कमांड देते हैं। अगर बारिश होने वाली है तो इस डिवाइस से जुड़ा ऐप किसान को 6 घंटे पहले ही इसकी सूचना दे देता है। जिससे खेत में पहले से सिंचाई करने की जरूरत नहीं होती।

सरकार की भी होगी मदद

इस ऐप को इंस्टॉल करते ही किसान का खेत गूगल के मैप पर लोकेट होने लगेगा। फ्यूचर में इसे जिला प्रशासन के साथ साझा कर फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए भी उपयोग करने की योजना है। इसके लिए जल्द ही छात्रों की कृषि अधिकारियों के साथ बैठक भी होगी। इस डिवाइस को किसान ठीक कर सके इसके लिए स्टूडेंट्स ने यूट्यूब और अनाज ऐप पर ट्यूटोरियल वीडियो अपलोड किया है।

ऐप में IOT टेक्नोलॉजी का उपयोग

ऐप में इंटरनेट ऑफ थींक्स (IOT) टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। इसके लिए ऐसे सेंसर्स लगाए हैं, जो डेटा डिवाइस को भेजते हैं। इसी में माइक्रो कंट्रोलर और पंप की मोटर भी जुड़ी है। अब यदि खेत को पानी चाहिए तो सेंसर माइक्रो कंट्रोलर को कमांड देगा कि पानी की जरूरत है। इसके बाद जितना पानी की जरूरत होगी उतनी पंप से सप्लाई होगी। इसके बाद कमांड मिलते ही पंप अपने आप बंद हो जाएगा।

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