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छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर CM बोले- भाजपा ने राज्यपाल पर बनाया बिल पर हस्ताक्षर न करने का दबाव

2 years ago
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CM बोले-भाजपा ने राज्यपाल पर बनाया बिल पर हस्ताक्षर न करने का दबाव;इधर राजभवन विधेयक लौटाने की तैयारी में | Confrontation on reservation increased in Chhattisgarh: The ...

रायपुर, 14 दिसंबर 2022/   छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित दो आरक्षण संशोधन विधेयकों पर राजभवन और सरकार के बीच टकराव गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल इस विधेयक पर हस्ताक्षर को तैयार थीं। भाजपा के नेता उनपर ऐसा नहीं करने का दबाव बना रहे हैं। इधर राजभवन ने शुरुआती समीक्षा के बाद विधेयक को फिर से विचार करने के लिए सरकार को लौटाने की तैयारी कर ली है।

रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो राज्यपाल यह कहे कि मैं तुरंत हस्ताक्षर करुंगी, अब वह किंतु-परंतु लगा रही हैं। इसका मतलब यह है कि वह तो चाहती थीं, भोली महिला हैं। आदिवासी महिला है और निस्छल भी है। लेकिन जो भाजपा के लोग हैं जो दबाव बनाकर रखें हैं उस कारण से उनको किंतु-परंतु करना पड़ा कि मैं तो सिर्फ आदिवासी के लिए बोली थी। आरक्षण का बिल एक वर्ग के लिए नहीं होता, यह सभी वर्गों के लिए होता है। यह प्रावधान है जो भारत सरकार ने किया है, जो संविधान में है। मैंने अधिकारियों से बात की थी कि इसको अलग-अलग ला सकते हैं। उन्होंने कहा नहीं, यह तो एक ही साथ आएगा। उसके बाद बिल प्रस्तुत हुआ। अब क्यों हिला-हवाली हो रही है। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि विधानसभा से सर्व सम्मति से एक्ट पारित हुआ है तो राजभवन में रोका नहीं जाना चाहिए। तत्काल इसको दिया जाना चाहिए।

भाजपा को बताया विधेयक लटकने का जिम्मेदार

मुख्यमंत्री ने विधेयक के राजभवन में अटक जाने के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, भाजपा ने प्रदेश के लोगों का मजाक बनाकर रख दिया है। राज्यपाल जब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगी। जब तक वह हमें वापस नहीं मिलेगा हम काम कैसे करेंगे। इनके कई मुंह हैं। एक ने कहा, 70 दिन तक क्या करते रहे। दूसरा बोलता है कि इतनी जल्दी लाने की क्या जरूरत है। विधानसभा में आप धरमलाल कौशिक का, नेता प्रतिपक्ष का, डॉ. रमन सिंह का भाषण निकालकर देख लीजिए। अभी फिर वे उसी प्रकार की भाषा शुरू कर दिए हैं।

भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप भी

मुख्यमंत्री ने भाजपा को आरक्षण का विरोधी भी बताया। उन्होंने कहा, अजय चंद्राकर का विधानसभा का बयान निकालकर देख लें। वे आरक्षण के विरोधी हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा था, मैं पार्टी से बंधा हुआ हूं लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं आरक्षण का विरोधी है। यही हाल भाजपा के हर नेता का है। वे आरक्षण के विरोधी हैं चाहे 32% आदिवासियों को देने की बात हो या 27% अन्य पिछड़ा वर्ग को हो, या फिर 13% अनुसूचित जाति का या 4% सामान्य वर्ग का। यह आरक्षण देने के लिए वे बिल्कुल तैयार नहीं हैं।

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