बिलासपुर, 14 सितंबर 2022/ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट हिंदी को बढ़वा देने की पहल करते हुए अब फैसलों की कापी हिंदी में भी दे रहा है। हाई कोर्ट ने दो मामलों की सुनवाई के दौरान पाया कि अंग्रेजी में मिले कोर्ट के फैसले के कारण असमंजस की स्थिति बन रही है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ता या पक्षकार की मांग पर आदेश की कापी हिंदी में दी जा रही है। इसके लिए एक अनुवादक की भी नियुक्ति की गई है। याचिकाकर्ता या पक्षकार को इसके लिए 10 रूपया प्रति कापी शुल्क देना पड़ता है।

हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अनूठी योजना की शुरुआत की है। मामले की सुनवाई के बाद आमतौर पर हाईकोर्ट में फैसले अंग्रेजी में ही जारी किए जाते हैं। अंग्रेजी में फैसला जारी होने के चलते अधिकांश लोग समझ नहीं पाते हैं। याचिकाकर्ता व पक्षकार भी पूरी तरह अपने अधिवक्ताओं पर निर्भर रहते हैं। छत्तीसगढ़ का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण इलाकों से संबंधित है। दूरस्थ वनांचल होने के कारण आदिवासी व वनवासियों की संख्या भी बहुतायत में है। इस बात का ख्याल भी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को है। हिंदी भाषी राज्य होने के कारण व हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाई कोर्ट ने एक अच्छी पहल की है।

चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना के जरिए या व्यवस्था बनाई है कि हाई कोर्ट के फैसले की अंग्रेजी में दी जाने वाली अगर हिंदी में चाहिए तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। हाई कोर्ट की इस पहल का लाभ अभी अब छत्तीसगढ़ के उन याचिकाकर्ता व पक्षकारों को मिल रहा है जिनको इसकी बेहद जरूरत है। अंग्रेजी में दिए जाने वाले फैसले को हिंदी अनुवाद में हासिल करने के लिए रजिस्ट्री में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के बाद अंग्रेजी में दिए गए फैसले के पेजों की गिनती की जाती है और हिंदी अनुवाद के एवज में प्रति पेज 10 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी के आधार पर फैसले की कापी दी जा रही है।

याचिका दायर करने के साथ पैरवी की भी सुविधा

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हिंदी में याचिका दायर करने के साथ ही उन याचिकाकर्ता को जो अपनी याचिका पर हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर बहस करना चाहते हैं उन्हें हिंदी में बहस करने की सुविधा भी दी जा रही है। इसके पीछे कोर्ट का उद्देश्य याचिकाकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने की आजादी देना है। साथ ही हिंदी को बढ़ावा देने की कोशिश भी हाई कोर्ट के जरिए जारी है।

फैसले की सार बात हिंदी में ही

प्रकरणों की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल व डिवीजन बेंच द्वारा जारी किए जाने में फैसले के प्रमुख अंश को हिंदी में ही जारी किया जा रहा है। इसके पीछे कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले फैसले की मुख्य बिंदु को पढ़कर याचिकाकर्ता या प्रमुख पक्षकार को इस बात की जानकारी मिल जाती है कि फैसले की प्रमुख बिंदु क्या है और कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है।