पर्यावरण को सुरक्षित रखने कामधेनु विश्वविद्यालय ने गोबर से बनाई भगवान गणेश की प्रतिमाएं, बताएं इसके फायदे

दुर्ग, 25 अगस्त 2022/ 31 अगस्त से शुरू होने वाले गणेशोत्सव के लिए तैयारियों जोर-शोर से चल रही है। इस कड़ी में दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्विद्यालय दुर्ग द्वारा भगवान गणपति की विशुद्ध गोबर से निर्मित प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रतिमा की विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से किसी भी रासायनिक पदार्थों से रहित है।

विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कामधेनु पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा कुलपति डा.एनपी दक्षिणकर के मार्गदर्शन में भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाई गई है।

इस मूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर परीक्षण किया गया और फिर इसे जनसामान्य के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। प्रतिमा की साइज 10 इंच और 12 इंच की है। भगवान गणेश की 12 इंच की प्रतिमा रिद्धी-सिद्धी के साथ बनाई गई है। वर्तमान में करीब दौ सौ प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है।

28 अगस्त को पदमनाभपुर दुर्ग स्थित पशु चिकित्सालय में प्रतिमाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। यहां प्रतिमाओं का विक्रय भी किया जाएगा। इसकी कीमत 150 से 300 रुपये तक निर्धारित की गई है। कामधेनु पंचगव्य अनुसंधान केंद्र के डा.केएम कोले ने बताया कि प्रतिमा पूरी तरह इको फ्रेंडली है।