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कर्मचारियों की आज न्याय महारैली : ब्लॉक और मुख्यालयों पर शाम को मशाल लेकर निकलेंगे; अनिश्चिकालीन हड़ताल पर हैं कर्मचारी

2 years ago
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ब्लॉक और मुख्यालयों पर शाम को मशाल लेकर निकलेंगे; अनिश्चिकालीन हड़ताल पर  हैं कर्मचारी | Employees will take out torch rally today: State Employees  strike continues for the fourth ...

रायपुर, 25 अगस्त 2022/ महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग पर छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। कर्मचारी संगठनों ने गुरुवार को कर्मचारी न्याय महारैली निकालने की घोषणा की है। इसके तहत शाम पांच बजे से कर्मचारी ब्लॉक और जिला मुख्यालयों पर मशाल लेकर शहर में निकलने वाले हैं।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया, कर्मचारी संगठनों ने मई में ही मुख्य सचिव को हड़ताल का नोटिस दे दिया था। इसके तहत चार चरणों के आंदोलन की बात थी। जुलाई में तीसरे चरण के तहत पांच दिन की हड़ताल हुई थी। हमारी मांग नहीं मानी गई। ऐसे में चौथे और अंतिम चरण के तौर पर कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

कर्मचारी संगठनों का दावा है कि उनके आंदोलन में 100 से अधिक संगठन शामिल हैं। इसमें जिला, ब्लाक, तहसील मुख्यालय के कर्मचारियों के साथ न्यायायिक कर्मचारी संघ और तहसीलदार-नायब तहसीलदारों का संगठन भी शामिल है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा का कहना है, कर्मचारी अपने जायज मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, पर सरकार निराकरण नहीं कर रही है।

संचालनालयों में कामकाज ठप्प

मंत्रालयीन कर्मचारी संघ इस आंदोलन में शामिल नहीं है। इसकी वजह से वहां कामकाज उतना प्रभावित नहीं हुआ है। लेकिन संचालनालयों में कामकाज ठप्प बताया जा रहा है। संचालनालय संघ के अध्यक्ष रामसागर कोशले ने बताया, इंद्रावती भवन के सभी कार्यालय बंद रहे हैं। संघ के कई पदाधिकारी इंद्रावती भवन के मुख्य द्वार के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। मुख्य द्वार को अवरोध लगाकर बंद कर दिया गया है।

स्कूल-न्यायालय भी हो रहे हैं प्रभावित

कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं न्यायिक और राजस्व कर्मियों के हड़ताल में शामिल होने की वजह से जिला न्यायालयों और तहसील न्यायालयों के कामकाज पर भी असर पड़ा है। इसकी वजह से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि हड़ताल लंबी खिंची तो पक्षकारों की परेशानी बढ़ सकती है।

क्यों भड़के हुए हैं राज्य कर्मचारी

छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों का यह आंदोलन भत्तों की वजह से भड़का है। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है। जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद कर्मचारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए।

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