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15 दिन में देना होगा मूल निवास के साथ जाति प्रमाण-पत्र, नहीं तो अधिकारी पर लगेगा जुर्माना
रायपुर, 13 अगस्त 2022/ निर्धारित समय पर लोगों को मूल निवास, जाति प्रमाण-पत्र, नामांतरण सहित अन्य प्रकरणों का निपटारा नहीं करने पर संबंधित राजस्व अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा। बताया कि लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत अविवादित प्रकरणों का निपटारा तीन महीनों में निपटाना होगा।
इसके साथ ही मूल निवास व जाति प्रमाण-पत्र 15 दिन के अंदर बनाने होंगे। शासकीय छुट्टी को छोड़कर इन्हें 15 दिन में बनाने होंगे और ऐसा नहीं करने पर राजस्व अधिकारी पर रोजाना 100 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि अधिकतम जुर्माना एक हजार रुपये रहेगी। इससे लोगों को अब अपने काम के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
रायपुर जिले में 500 अधिक मामले लंबित
सूत्रों के अनुसार रायपुर जिले के तहसीलों में ही 500 से अधिक मामले लंबित है। बताया जा रहा है कि बहुत से प्रकरण तो ऐसे भी है जो इस वर्ष फरवरी में हुई तहसीलदारों की हड़ताल के समय से लंबित है। साथ ही बहुत से प्रकरणों की सुनवाई अभी पिछले दिनों कर्मचारी संघों द्वारा की गई हड़ताल की वजह से टल गई।
दो अधिकारियों पर पिछले दिनों हुई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सीमांकन प्रकरण का समय अवधि में निराकरण न किए जाने से रायपुर के अतिरिक्त तहसीलदार अभिषेक राठौर पर सक्षम अधिकारी अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व) रायपुर द्वारा राठौर को एक हजार रुपये परिव्यय / अर्थदंड दिया गया था। इसी प्रकार धरसींवा के अतिरिक्त तहसीलदार अजय चंद्रवंशी द्वारा अविवादित नामांतरण का समय सीमा में निराकरण नहीं किए जाने के कारण उन्हें भी एक हजार रुपये परिव्यय / अर्थदंड से दिया गया था। तहसीलदार मनीषदेव साहू ने बताया कि लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत विवादित व अविवादित मामलों के लिए समय-सीमा निर्धारित कर दिए गए है। निर्धारित समय-सीमा में निराकरण न करने पर अर्थदंड का प्रविधान है। सभी कार्यों के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है।