- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- खैरागढ़ उपचुनाव में एग्जिट पोल पर रोक : 12 अप्रैल की सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक नहीं कर सकेंगे प्रसारण; 48 घंटों में ओपनियन पोल भी नहीं
खैरागढ़ उपचुनाव में एग्जिट पोल पर रोक : 12 अप्रैल की सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक नहीं कर सकेंगे प्रसारण; 48 घंटों में ओपनियन पोल भी नहीं
राजनांदगांव, 31 मार्च 2022/ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव स्थित खैरागढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने 12 अप्रैल dh सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए परिणाम के प्रकाशन या प्रचार-प्रसार पर भी प्रतिबंध लगाया है। इसको लेकर आयोग की ओर से गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी गई।
खैरागढ़ उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होना है। इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने एग्जिट पोल के संबंध में अधिसूचना जारी की है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि मतदान समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रानिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
अब 10 उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान में
खैरागढ़ में हो रहे उप चुनाव में 10 उम्मीदवार बचे हैं। नाम वापसी के आखिरी दिन सोमवार को दो उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए थे। इसके बाद चुरणदास साहू, फारवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी, संतोषी प्रधान, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, ढालचंद साहू, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, यशोदा वर्मा, इंडियन नेशनल कांग्रेस, नरेंद्र सोनी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, नितिन भंडारेकर शिवसेना, कोमल जंघेल भारतीय जनता पार्टी, संतोष धुर्वे, निर्दलीय, अरुण बनाफर निर्दलीय और मोहन भारती ने राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से चुनाव मैदान में मौजूद हैं।
मतदान दल की ट्रेनिंग 5-6 अप्रैल को
चुनाव संपन्न कराने के लिए मतदान दल के अधिकारियों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण 29 और 30 मार्च को महंत सर्वेश्वर दास उच्चतर माध्यमिक शाला में हुआ था। इसके बाद ट्रेनिंग 5 – 6 अप्रैल को भी होगी। 12 अप्रैल को खैरागढ़ में वोटिंग होनी है। यह सीट पिछले दिनों विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हो गई थी।
पिछली बार जकांछ के कब्जे में थी सीट
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के देवव्रत सिंह ने इस सीट पर भाजपा की कोमल जंघेल को केवल 870 वोटों के अंतर से हराया था। नवम्बर 2021 में देवव्रत सिंह का निधन हो गया। इसके बाद से यह सीट खाली है। 2013 में कांग्रेस के गिरवर जंघेल यहां से विधायक थे। 2007 के उप-चुनाव और 2008 के आम चुनाव में भाजपा के कोमल जंघेल ने यह सीट जीती।