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माघी पूर्णिमा पर राजिम में श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में  स्नान कर अर्घ्य दिया, शाम को पुन्नी मेले की रंगारंग शुरुआत होगी

3 years ago
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रायपुर, 16 फरवरी 2022/   माघ पूर्णिमा के अवसर पर छत्तीसगढ़ के नदी घाटों पर पून्नी (पूर्णिमा) स्नान और मेले की भीड़ शुरू हो गई। राजिम में महानदी, पैरी और सोंढुर नदियों के पवित्र संगम में श्रद्धालुओं ने स्नान कर महानदी और सूर्य देव का अर्घ्य अर्पित किया। शाम को यहां राजिम माघी पुन्नी मेले की शुरुआत होगी।

बुधवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुबह 4 बजे से ही स्नान शुरू कर दिया था। घाटों पर स्नान और पूजा-अर्घ्य के बाद श्रद्धालुओं ने श्री राजीव लोचन भगवान के दर्शन किए। वहां से भक्त नदी पार कर कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर पहुंचे। यहां भगवान शिव का पवित्र जल-दूध आदि से अभिषेक कर पूजन किया। इन दोनों मंदिरों के अलावा श्रद्धालु लोमश ऋषि आश्रम, राजिम भक्तिन माता मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, राजराजेश्वर, दानदानेश्वर, बाबा गरीब नाथ महादेव के दर्शन करने भी पहुंचे। स्नान का क्रम काफी देर तक चलता रहा। इसी के साथ ऐतिहासिक राजिम पुन्नी मेले की शुरुआत भी हो रही है। यह मेला एक मार्च तक चलेगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत शाम 7 बजे मेले का औपचारिक शुभारंभ करने वाले हैं। इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अफसर भी शामिल होंगे। आयोजन को लेकर गरियाबंद जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है।

श्री राजीव लोचन के जन्मोत्सव

माघी पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राजीव लोचन का जन्म दिवस है। बुधवार को भगवान का जन्मोत्सव मंदिर प्रांगण में बैंड-बाजे एवं नृत्य के साथ बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। भगवान की पूजा के बाद नया लाल ध्वज मंदिर के कलश में चढ़ाया गया। मंदिर में इसके लिए विशेष साजसज्जा हुई है।

पुन्नी मेले के दौरान स्नान की यह तिथियां महत्वपूर्ण

माघी पुन्नी मेले के दौरान स्नान के तीन मुहूर्तों का पौराणिक महत्व है। 16 फरवरी काे माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद 23 फरवरी को एक स्नान है। इस दिन जानकी जयंती होती है। मान्यता है कि फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता सीता नवजात कन्या के रूप में धरती से प्रकट हुई थीं। एक मार्च को महाशिवरात्रि का विशेष स्नान है। पुराणों के मुताबिक इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने संगम के जल में दीपदान भी किया।

हर शाम बिखरेगी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की सुगंध

  • 16 फरवरी को पंडवानी गायिका उषा बारले और दिलीप षडंगी परफॉर्म करेंगे।
  • 17 फरवरी को दिनेश जांगड़े द्वारा पंथी और महेश वर्मा द्वारा लोकमंच की प्रस्तुति होगी।
  • 18 फरवरी को भरथरी गायिका रजनी रजक, पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा और भिलाई के रिखी क्षत्रीय द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी।
  • 19 फरवरी को गायिका छाया चन्द्राकर प्रस्तुति देंगी।
  • 20 फरवरी को पंडवानी गायिका प्रभा यादव और गोपी चंदा, गोरेलाल बर्मन की प्रस्तुति होगी।
  • 21 फरवरी को टिकेन्द्र वर्मा, पूनम विराट प्रस्तुति देंगे।
  • 22 फरवरी पंडवानी गायक चेतन देवांगन, भरथरी गायिका रेखा जलक्षत्री तथा खरोरा के चन्द्रभूषण वर्मा कार्यक्रम देंगे।
  • 23 फरवरी को पद्मश्री आर.एस. बारले पंथी नृत्य, दुर्ग के राग अनुराग के कार्यक्रम होंगे।
  • 24 फरवरी को पप्पू चन्द्राकर और कविता वासनिक की प्रस्तुति होगी।
  • 25 फरवरी को लोक सरगम हिम्मत सिन्हा, अमृता बारले के भरथरी तथा दीपक चन्द्राकर के लोकरंग अर्जुन्दा की प्रस्तुति होगी।
  • 26 फरवरी को सुनील मानिकपुरी मुख्य आकर्षण होंगे।
  • 27 फरवरी को शिवा जांगड़े के लोकमंच और चंदैनी गोंदा के कार्यक्रम होंगे।
  • 28 फरवरी को मीना साहू द्वारा पंडवानीए यशवंत डहरिया द्वारा पंथी एवं रायपुर के अनुराग शर्मा द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी।
  • 1 मार्च को डॉ. ममता चन्द्राकर और तरूण निषाद के कार्यक्रमों की छटा बिखरेगी।
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