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नक्सलियों के गढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इंद्रावती नदी पर बने पुल का करेंगे उद्घाटन, फिर अबूझमाड़ में होंगे ग्रामीणों से रूबरू

3 years ago
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बारिश के दिनों में ग्रामीण पुल से ही नदी पार कर सकेंगे। उन्हें डोंगी से नदी पार नहीं करना पड़ेगा।

दंतेवाड़ा, 25 जनवरी 2022/   छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को करीब 11 बजे दंतेवाड़ा जिले के छिंदनार पहुंचेंगे। यहां छिंदनार- पाहुरनार घाट पर इंद्रावती नदी पर बने पुल पर पहुंच उसका उद्घाटन करेंगे। पहली बार होगा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री इंद्रावती नदी पार अबूझमाड़ के धुर नक्सल प्रभावित गांवों के ग्रामीणों से सीधे रुबरु भी होंगे। छिंदनार में पुल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री जगदलपुर के लिए रवाना होंगे। जगदलपुर वासियों को भी करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात देंगे।

दरअसल, इंद्रावती नदी पार का पूरा इलाका नक्सलगढ़ है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंद्रावती नदी पर बने जिस पुल का CM उद्घाटन करेंगे इस पुल को बनाने की राह जरा भी आसान नहीं थी। नक्सलियों ने ग्रामीणों को प्रताड़ित किया। उनकी कई बार पिटाई की। कई ग्रामीण गांव छोड़ने मजबूर हुए। पाहुरनार के सरपंच पोसेराम की हत्या तक कर दी। सुरक्षा में तैनात जवानों पर IED ब्लास्ट किया जिससे 1 जवान शहीद भी हुआ। वहीं इस पुल के बनने के बाद अब अबुझमाड़ के ग्रामीण सीधे जिला मुख्यालय से जुड़ गए हैं। बारिश के दिनों में ग्रामीण पुल से ही नदी पार कर सकेंगे। उन्हें डोंगी से नदी पार नहीं करना पड़ेगा।

ग्रामीणों की मांग- मृत सरपंच पोसेराम के नाम पर हो पुल
इधर, इंद्रावती नदी पार के ग्रामीणों ने मांग की है कि पाहुरनार के पूर्व सरपंच पोसेराम के नाम पर यह पुल होना चाहिए। इस पुल निर्माण के लिए पोसेराम ने अपनी जान दी है। पोसेराम नदी पार के गांवों में विकास के पक्षधर थे। पुल की मांग सरकार से की थी। नक्सलियों को जब इसकी जानकारी मिली तो नक्सलियों ने उन्हें खूब प्रताड़ित किया और आखिरकार साल 2018 में उनकी हत्या कर दी। नक्सलियों ने उनके परिवार को प्रताड़ित किया। बेटे की जान के दुश्मन बने और अंततः नक्सलियों के भय से परिवार गांव छोड़ने मजबूर हुआ।

यह भी जानिए
बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी बारिश के दिनों में किसी बड़े अभिशाप से कम नहीं है। बस्तर के 30 से ज्यादा नदी घाटों में डोंगी पलटने से हर साल बारिश में ही औसतन 15 से ज्यादा मौतें होती हैं। बस्तर के 2 जिलों के नदी पार बसे 100 से ज्यादा माड़ के गांवों को राहत देने दो जिलों में कोरोड़ों रुपए की लागत से 4 पुल का निर्माण हो रहा है। जिसमें छिंदनार-पाहुरनार घाट पर पुल का काम पूरा हो गया है।

ये पूरा इलाका नक्सलियों के कब्जे में है। वजह यही है कि यहां सरकार की योजनाएं पहुंचाने में प्रशासन के भी पसीने छूटते हैं। बाजार, अस्पताल, राशन लेने, स्कूल जाने नदी पार करने बड़ी आबादी डोंगी से उफनती इंद्रावती को पार करती हैं। हालांकि पुल बनने से अब राहत है।

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