देश में पहली बार चुनी जाएगी राष्ट्रीय तितली; आप भी कर सकते हैं ऑनलाइन वोटिंग
- भारत में 1500 प्रकार की तितलियां पाई जाती हैं, इनमें से 7 प्रजातियों का वोटिंग में चयन
- चयनति तितलियों में से एक ‘कॉमन जेज़बेल’ छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में भी पाई जाती है
01 अक्टूबर 2020/ देश के राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प हैं। अब राष्ट्रीय तितली का चयन होने जा रहा है। इसमें दो खास बातें हैं। पहली यह कि राष्ट्रीय तितली का निर्णय सरकार नहीं लेगी, बल्कि ऑनलाइन वोटिंग के जरिए होगा। जिसमें आप भी मतदान कर सकते हैं। दूसरी ये कि जिन 7 प्रजातियों की वोटिंग में शामिल किया गया है, उनमें से एक ‘कॉमन जेज़बेल’ छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में भी पाई जाती है।
विशेषज्ञों ने कुछ सालों में सर्वे किया, जिसके बाद ये विचार आया
देश में ये पहला अवसर होगा जब किसी राष्ट्रीय प्रतीक के चुनाव के लिए आम लोगों को भी शामिल किया जा रहा है। भारत में 1500 प्रकार की तितलियां पाई जाती हैं। देश के तितली विशेषज्ञों के समूह ने पिछले कुछ वर्षों में जंगलों, बागों और अन्य स्थानों पर तितली सर्वे शुरू किया था। लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय पक्षी और पुष्प की तरह राष्ट्रीय तितली चुनने का विचार आया।
आंतरिक मतदान कर विशेषज्ञों ने 7 प्रजातियों का चयन किया
देश भर से आंकड़े एकत्रित करने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने अंतिम सूची के लिए आंतरिक मतदान से सात प्रजातियों का चयन किया। चयन में इसका ध्यान रखा गया कि तितलियों की ये प्रजाति न तो दुर्लभ हों और न ही साधारण। फिर जो प्रजातियां सामने आईं, उनमें कृष्णा पीकॉक, कॉमन जेज़बेल, ऑरेंज ओकलीफ, फाइव बार स्वॉर्ड टेल, कॉमन नवाब, यलो गोर्गन और नॉर्दन जंगल क्वीन शामिल है।
8 अक्टूबर तक खुली है वोटिंग लाइन, फिर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजेंगे
राष्ट्रीय तितली चुनने के लिए सितंबर माह से प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगर आप भी राष्ट्रीय तितली के लिए वोटिंग करना चाहते हैं तो tiny.cc/nationalbutterflypoll पर जाना होगा। वहां मौजूद जानकारी के जरिए किसी भी एक तितली को आप वोट दे सकते हैं। वोटिंग लाइन 8 अक्टूबर तक खुली है। वोटिंग के आधार पर तितलियों की तीन शीर्ष प्रजातियों के प्रस्ताव को पर्यावरण और वन मंत्रालय के भेजा जाएगा।
ख़ुशी की बात यह भी है कि राष्ट्रीय तितली चयन के लिए जिन सात प्रजातियों में वोटिंग की जा रही है उनमें से एक ‘कॉमन जेज़बेल’ हमारे शहर की है। इसे मैंने ही कैमरे से शूट किया था। जिस वातावरण में तितलियां मौजूद हैं, वहां प्राकृतिक सौंदर्य बना रहता है। तितलियां कीटों की विविधता किसी भी क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
– अविनाश मार्य, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी