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छत्तीसगढ़ में चिटफंड पार्ट 2 हजारों करोड़ की लूट सरकार मौन – डॉ. चरणदास महंत
राज्यपाल को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने लिखा पत्र।
प्रभावित महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों की जमा राशि वापस करने एवं बैंको से ली गई ऋण की वसूली रोका जाये – डॉ. महंत
प्रदेश के 10 -12 जिलो में लगभग 40 हजार महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगार युवकों से हजारों करोड़ रूपये से अधिक की ठगी हुई है – डॉ. महंत
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रामेन डेका को गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा प्रदेश की हजारो गरीब महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारो से करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी की राशि वापस करने एवं निवेश के नाम पर बैंको से दिलवाए गए ऋण को माफ करने के संबंध में पत्र लिखा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, भाजपा राज में यह चिटफंड पार्ट 2 है, भाजपा की पिछली सरकार में भी प्रदेश के आम गरीब जनों के करोड़ों रुपए चित फंड के नाम पर लूट गए थे जिसे कांग्रेस की सरकार ने कुछ हद तक गरीबो के रूपये लौटने का कार्य किया था। वर्ष 2023 में भाजपा की सरकार बनते ही फिर से चिटफंड कंपनियां सक्रिय हो गई है, गरीब, पढ़े लिखें युवा महिलाओ से मात्र 1 वर्ष में ही हजारों करोड़ों की धोखाधड़ी हो गयी है। लूटी गयी जनता परेशान है, भाजपा सरकार मौन है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश में गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों को निजी क्षेत्र के बैंको से लोन दिलाने और दिए गए ऋण की राशि को अपनी कम्पनियों में निवेश करवाने के नाम पर प्रदेश के कोरबा, जांजगीर, बालोद समेत छत्तीसगढ़ के 10-12 जिलो की लगभग 40 हजार महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगार युवकों से हजारों करोड़ रूपये से अधिक की ठगी कोरबा की फ्लोरामेक्स कम्पनी और बालोद की सप्तऋषि संस्थान सहित सैकड़ो गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा महिलाओं को भरोसा भी दिलाया गया था कि लोन की किश्त की राशि कम्पनी द्वारा भुगतान की जाएगी। ठगो द्वारा शुरूआती किश्त की राशि जमा की गई तथा ऋण धारक महिलाओं का सिविल स्कोर बेहतर दिखाकर सभी महिलाओं के नाम 11 निजी क्षेत्र के बैंकों से ज्यादा राशि का लोन लेकर कम्पनी मे इन्वेस्ट करवाया गया तथा कम्पनियों के कार्यालय बन्द कर कम्पनी संचालक फरार हो गए है। तथा बैंको से लिए गए ऋण जमा करने हेतु लोन धारक महिलाओं को लगातार नोटिस दिया जा रहा है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के अनुसार राज्य सरकार का यह संवैधानिक उत्तरदायित्व है कि वह जनता के दुर्बल वर्गो के विशिष्टतया अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितो की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करे और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी रक्षा करे, परन्तु सरकार द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर गरीब महिलाओं के आर्थिक हितों की रक्षा करने मे विफल रहने के कारण, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा के चतुर्थ सत्र में दिनांक 17.12.2024 को स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से समाधानकारक कार्यवाही प्रतिवेदन नहीं किया गया तथा स्थगन प्रस्ताव बिना चर्चा किए ही अग्राहय कर दिया गया ।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, पीड़ित महिलाएं अपने अधिकार एवं पैसे वापसी हेतु संवैधानिक तरीके से सड़क की लड़ाई लड़ रही है। उसी के तहत् दिनांक 12.01.2024 को कोरबा जिले में धरने पर बैठी पीड़ित महिलाओं द्वारा राज्य सरकार के दो माननीय मंत्री श्री राम विचार नेताम एवं श्री लखनलाल देवांगन जी को दो घंटे से अधिक समय तक धरना स्थल पर घेरकर रखा गया था।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को पत्र में लिखा है कि, इस गंभीर मामले पर त्वरित रूप से प्रभावित महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों की जमा राशि वापस करने एवं बैंको से ली गई ऋण की वसूली रोकने हेतु तथा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्तियों को सख्ती से रोकने हेतु प्रभावी प्रयास करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित करें।