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CGPSC घोटाले में कोर्ट ने टामन सिंह सोनवानी और SK गोयल को 10 दिन की रिमांड पर भेजा, CBI करेगी पूछताछ

1 month ago
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रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021 राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले के मामले में CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पॉवर इस्पात के डायरेक्टर एसके गोयल को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड पर जांच एजेंसी को सौंप दिया। जज लीलाधर यादव ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। सीबीआई की कड़ी सुरक्षा में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां सीबीआई ने उनकी पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की थी।

बतादें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021 राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले के मामले में पूर्व पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया है।

जानिए क्या है मामला?

सीबीआई की जांच में सामने आया कि श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर बनाने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। गोयल ने यह रिश्वत ग्रामीण विकास समिति के माध्यम 20 और 25 लाख रुपये के दो किस्तों में रिश्वत राशि का भुगतान किया था। शशांक गोयल व भूमिका कटियार कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के बेटी-दामाद हैं।

कौन हैं टामन सिंह सोनवानी: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, जिन पर भर्ती प्रक्रिया में घोटाले के आरोप लगे हैं।

कौन हैं श्रवण कुमार गोयल: ‘बजरंग पावर एवं इस्पात लिमिटेड’ के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, जिन्होंने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार के लिए कथित तौर पर यह रिश्वत दी।

सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

– 11 मई 2023 को सीजीपीएससी 2021 का अंतिम परिणाम जारी हुआ, जिसमें 15 अभ्यर्थी डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित हुए थे।

– सीजीपीएससी 2021 में शशांक गोयल ने तीसरी रैंक प्राप्त की, जबकि उनकी पत्नी भूमिका कटियार ने चौथी रैंक हासिल की।

– चयन परिणाम में फर्जी तरीके से चयन करने का आरोप लगाया गया, विशेष रूप से पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों और कांग्रेस के नेताओं के करीबियों पर।

– आरोपों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की जांच करने से इनकार किया, जिससे भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

– हाईकोर्ट ने 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को रोकने का आदेश दिया। भाजपा ने इसे विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ा मुद्दा बनाते हुए प्रदर्शन किया।

– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने मामले की जांच का जिम्मा EOW और ACB को सौंपा, बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।

– सीजीपीएससी में पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी पर 48 शिकायतें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से की गई थी।

– भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में टामन सिंह सोनवानी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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