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रायपुर दक्षिण का रण : बगावती सुरों को साधना भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए चुनौती

3 months ago
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रायपुर। दक्षिण के चुनाव की घोषणा के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही कार्यकर्ताओं के बीच बगावती सुरों ने रफ्तार पकड़ ली है। दोनों ही पार्टियों के लिए इन बगावती सुरों को साधना एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। दरअसल, भाजपा ने पूर्व सांसद सुनील सोनी पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस में अब भी मंथन का दौर चल रहा है।

इसी बीच भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच इंटरनेट मीडिया पर बगावती सुरों की झलक मिल रही है। कुछ कार्यकर्ता संगठन से किसी नए चेहरे की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पुराने चेहरे पर ही भरोसा जताया।

वहीं, कांग्रेस में आधा दर्जन से अधिक दावेदार हैं, जो कि टिकट की प्रत्याशा में लगे हुए हैं। इसका ताजा उदाहरण रविवार को हुई कार्यकर्ता सम्मेलन में देखने को मिल। जिसमें दावेदार प्रमोद दुबे के समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

वहीं, महापौर एजाज ढेबर के समर्थक भी टिकट की आस लगाए बैठे हैं। वहीं, एक बार हारे हुए प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल भी दोबारा से टिकट मिलने की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे में यहां भी बगावती सुर देखने को मिलने की संभावना जताई जा रही है।

विधानसभा चुनाव में दिखी थी झलक
2023 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे किसी से छिपे नहीं हैं। यहां रायपुर शहर की चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी। इसमें रायपुर पश्चिम को छोड़कर, दक्षिण, ग्रामीण और उत्तर तीनों विधानसभा सीटों में कांग्रेस पर गुटबाजी व बगावत हावी रही। जिसका नतीजा रहा कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गई।

संगठन की अनदेखी पड़ सकती है भारी
भाजपा में संगठन की ओर से भी कई लोगों ने अपनी दावेदारी की थी। साथ ही रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट खाली होते ही सभी ने अपनी-अपनी ओर से दक्षिण में प्रयास शुरू कर दिया था। इसके बाद बृजमोहन ने जिन्हें समर्थन किया, उन्हें ही टिकट मिली। नतीजतन फिलहाल तो उन प्रत्याशियों में कसक बरकार है। जिन्हें साधना भाजपा के लिए भी चुनौती होगी।

भाजपा ने दर्ज की थी बड़ी जीत
2023 विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर दक्षिण में भाजपा ने प्रदेश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। सात बार के विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल ने यहां कांग्रेस प्रत्याशी डा रामसुंदर दास को 67 हजार से अधिक मतों पराजित किया था। वहीं, भाजपा के लिए यह अंतर बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।

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