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रायपुर के महादेव घाट में छठ की रौनक : उगते सूर्य को अर्घ्य देकर बांटा गया ठेकुआ प्रसाद, 36 घंटे का व्रत पूरा

1 year ago
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Chhath Puja 2023:महादेवघाट में मना छठ महापर्व; व्रती महिलाओं ने सूर्य को  दिया अर्घ्य - Chhath Puja 2023: Chhath Festival Celebrated In Mahadevghat;  Fasting Women Offered Arghya To Setting Sun - Amar

रायपुर, 20 नवंबर 2023/  सोमवार को महापर्व छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन है। रायपुर के महादेव घाट में छठ व्रतियों ने पूजन किया। बिहार की लोक परंपराओं के अनुसार बनाए जाने वाले ठेकुआ प्रसाद को एक दूसरे को बांटा। छठ पूजा करने वाले परिवारों ने महादेव घाट कार्यक्रम स्थल पर कुछ प्रसाद दान भी किया ताकि जिन घरों में छठ पूजा ना हुई हो उन तक भी यह प्रसाद पहुंच सके।

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा रविवार और सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धूमधाम से मनाया गया। महादेव घाट स्थित खारुन नदी तट पर बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय समाज के लोग और और छठ व्रती महिलाओं ने शाम और सुबह में सूर्य को अर्ध्य दिया। रविवार की शाम और सोमवार की सुबह में विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। सुबह 6 बजे उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पूजा का समापन हुआ।

परिवार और संतान की लंबी उम्र की कामना 
इस दिन व्रत रखने वाले लोग अपने परिवार और बच्चों की लंबी उम्र की प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से छठी माता व्रत करने वाले लोगों के परिवार और संतान को लंबी आयु और सुख समृद्धि का वरदान देती हैं।

नहाय-खाय के साथ होती है पूजा की शुरुआत
चार दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। फिर अगले दिन खरना होता है। खरना का अर्थ है मन तन और वातावरण की शुद्धता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अंतर मन की स्वच्छता पर जोर दिया जाता है। खरना महापर्व के दौरान की जाने वाली महत्वपूर्ण पूजा है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन छठी मैया का आगमन होता है, जिसके बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। खरना पूजा के दिन व्रती महिलाएं नहाने के बाद भगवान सूर्य की पूजा करती हैं। शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर साठी के चावल, गुड़ और दूध की खीर बनाती हैं, ठेकुआ बनाती हैं, जिसे भोग के रूप में सबसे पहले छठी मैया को अर्पित करते हैं। व्रती उपवास रखकर रात में खरना पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं। फिर घर के सदस्यों को प्रसाद बांटा जाता है।

देश के चार महानगरों समेत सभी राज्यों में मनता है छठ पर्व
छठ महापर्व मुख्य रूप से बिहार और यूपी के पूर्वांचल में मनाया जाता है। वहीं देश के सभी प्रदेशों में रहने वाले उत्तर भारतीय समाज के लोग धूमधाम से मनाते हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई समेत देश के कई महानगरों में इस पर्व की धूम रहती है।

छठ पूजा का इतिहास 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा की शुरुआत महाभारत काल से मानी जाती है। दौपदी और पांडवों ने छठ पूजा का व्रत रखा था। उन्होंने अपने राज्य को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था। जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया, इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की पूजा फलदायी माना जाता है।  इसके अलावा यदि नि: संतान महिलाएं यह पूजा करती हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। इस बात बात का प्रमाण है कि छठ पूजा की शुरुआत बिहार के मुंगेर जिले से हुई थी।

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