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छत्‍तीसगढ़ में मतांतरण के बढ़ते मामले पर सरकार सख्‍त, सांप्रदायिकता भड़काने वालों पर लगेगा रासुका

2 years ago
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रायपुर, 11 जनवरी 2023/ छत्‍तीसगढ़ में मतांतरण के बढ़ते मामले और उसे लेकर गांवों में हो रहे विवाद के बाद राज्य सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए योजना तैयार की है। बस्तर व सरगुजा संभाग सहित प्रदेश के अन्य आदिवासी क्षेत्रों में संवाद के जरिये इस समस्या का समाधान निकालने की कवायद की जा रही है। राज्य सरकार के मंत्री, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी गांव से लेकर जिला स्तर तक आदिवासी समाज के प्रमुखों व ग्रामीणों के साथ बैठक कर समस्या पर चर्चा करेंगे। इस अभियान की मानीटरिंग मुख्यमंत्री सचिवालय से की जाएगी। सचिव स्तर के अधिकारी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे। सरकार ने सांप्रदायिकता भड़काने वालों पर रासुका लगाने का अधिकार कलेक्टरों को दे दिया है। इसका राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया है। एक जनवरी को नारायणपुर में आदिवासियों और मतांतरित आदिवासियों के बीच हुए विवाद के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीर पहल शुरू की है। राज्य में इसी वर्ष चुनाव होना है, इससे पहले सरकार मतांतरण विवाद से बचने का रास्ता तलाश रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ये धर्मांतरण के नाम से राजनीति करते हैं। इनको मतलब नहीं है कोई धर्मांतरित हो रहा है, नहीं हो रहा है। जबरिया हो रहा है या स्वेच्छा से। उनके 15 साल में जितने चर्चेज बने हैं उतना न कभी उसके पहले बने थे और न अब इन चार सालों में बने हैं। भाजपा हल्ला करती है धर्मांतरण। यह अकेले छत्तीसगढ़ में हो रहा है ऐसी भी बात नहीं। मध्य प्रदेश में हो रहा है वहां वे हल्ला नहीं कर रहे हैं। जहां भाजपा का शासन है वहां वे चुप हैं। जहां उनकी सरकारें नहीं वहीं हल्ला करते हैं।

देश में उनकी सरकार है, पूर्ण बहुमत है-फिर बिल क्यों नहीं लाए। उनको रोका कौन है। वह काम तो करना नहीं है, इनको राजनीत करना है। मतलब समाज में जहर कैसे घोला जाए, भाई-भाई को कैसे लड़ाया जाए-जब तक वे लड़ाई नहीं कराएंगे तब तक उनका भला होने वाला नहीं है। ये समस्या खड़ी करते हैं। समस्या का निदान नहीं सोचते। नार्थ-ईस्ट में तो इनकी सरकार है। वहां कन्वर्टेड क्रिश्चियन 50% से 90% तक है। सबसे पहले वहां लागू करें-फिर यहां बात करें। जहां उनकी सरकार है वहां चुप हैं। यह उनका दोहरा मापदंड है।

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