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नारायणपुर में कर्फ्यू से हालात, दहशत में बंद रहे शहर, जांच के लिए भाजपा ने गठित की समिति
नारायणपुर, 03 जनवरी 2023/ मतांतरण विरोधी आदिवासियों के जिला मुख्यालय में चर्च में तोड़फोड़ और एसपी सदानंद कुमार पर हमला कर सिर फोड़ने की घटना के बाद से ही नारायणपुर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। हालात न बिगड़े इसलिए पांच जिले की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ आईजी पी. सुंदरराज खुद ही मोर्चा संभाले हुए हैं। सोमवार को हुई घटना के बाद मंगलवार को नारायणपुर में कर्फ्यू जैसे हालात दिखाई दिए। सुबह निजी स्कूल तो खुले पर डर की वजह से पालकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच सड़कें सूनी रही। अधिकतर दुकानें दोपहर 12 बजे तक बंद थी। इसके बाद एक-एक कर दुकानें खुलती रही। नारायणपुर मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत एड़का, जहां से विवाद की शुरुआत हुई वहां तक भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा। नगर में शांति बहाल करने पुलिस ने दो दिन के अंदर दूसरी बार शांति मार्च निकाला।
भाजपा नेताओं को नारायणपुर जाने से रोका गया
नारायणपुर में भाजपा नेताओं को नारायणपुर जाने से रोका गया। नारायणपुर से करीब 10-15 किमी पहले बेरुन में भाजपा नेताओं को रोका गया। बेरुन थाना के सामने बस्तर के पूर्व मंत्री संतोष पांडेय, केदार कश्यप, मोहन मंडावी और महेश गागड़ा को रोका गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बस्तर का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। वहां ईसाई लोग पैसा देकर धर्म बदल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारा समाज नहीं बचेगा। नारायपुर को छावनी बना दिया गया है। मारपीट कर केस किया जा रहा है।
चौक-चौराहों पर वाहनों की जांच
जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर पुलिस बल तैनात रहा। आने-जाने वाले प्रत्येक वाहन की सघन जांच की जाती रही। जिले में धारा 144 लागू नहीं है पर कहीं भी गुटबाजी होने से रोकने सामूहिक रुप से इकट्ठा होने पर रोक लगाए गए थे। नगर के हरेक चौक-चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी।
भाजपा जिलाध्यक्ष न्यायालय में पेश
भाजपा जिलाध्यक्ष व सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रुपसाय सलाम को पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया। उन पर उपद्रव करने, भड़काने, धमकी देने व मारपीट संबंधी प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अतुल नेताम, पवन नाग, डोमेश यादव, अंकित नंदी इन्हें भी न्यायालय में पेश किया गया। कई आदिवासी नेताओं को पुलिस के हिरासत में लिए जाने की भी सूचना है पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
नारायणपुर की घटना की जांच के लिए भाजपा ने गठित की समिति
मतांतरण का विरोध कर रहे विशेष गुट के प्रदर्शन के दौरान नारायणपुर जिला मुख्यालय में घटित हुई घटना की जांच के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की ओर से जांच समिति का गठन किया गया है। यह कमेटी संबंधित स्थानों का दौरा कर घटना से संबंधित तथ्यों का अन्वेषण कर अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी। इस कमेटी में पूर्व मंत्री छग शासन व विधायक ननकीराम कंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा व विधायक शिवरतन शर्मा, सांसद कांकेर मोहन मंडावी, सांसद राजनांदगांव संतोष पांडेय, प्रदेश महामंत्री व पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा सम्मिलित हैं।
मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान
नारायणपुर की घटना को लेकर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये सब राजनीतिक लाभ के लिए ये कराया जा रहा ह। BJP और RSS वोट बैंक के लिए करा रहे हैं। आज के समय में कोई भी व्यक्ति मतांतरण के पक्ष में नहीं है। कहीं शिकायत है तो उसके लिए नियम है क़ानून है।
महीनों से चल रहा विवाद, अबूझमाड़ में भी बिगड़े हालात
आदिवासी बहुल नारायणपुर में महीनों से आदिवासी से मतांतरित मिशनरी बने लोग व आदिवासी समाज के बीच कई गांवों में विवाद चल रहा है। पुलिस के पास पिछले दो माह के भीतर 50 से अधिक ऐसी शिकायतें है। आदिवासी नेताओं के अनुसार मूलनिवासियों को उपचार व अन्य लोभ देकर मतांतरण करवाया जा रहा है। इससे विशेष जनजातिय संस्कृति पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इसका विरोध किए जाने से मिशनरी लोगों की ओर से विवाद किया जा रहा है। एड़का में भी दो दिन पहले ऐसा हुआ, आदिवासी लोगों की घर वापसी की बैठक में मिशनरी लोगों ने मारपीट की। रविवार को भी एड़का पंचायत के गोर्रा में आदिवासियों की बैठक में लाठी-डंडों से लैस होकर मारपीट की गई, जिसमें आदिवासी समाज के कई लोग घायल हो गए थे। इसके विरोध में सोमवार को नारायणपुर जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन आयोजित था। इस दौरान भारी संख्या में उपस्थित भीड़ के उग्र होकर अनियंत्रित हो जाने से चर्च में तोड़फोड़ व एसपी सदानंद कुमार से मारपीट की घटना सामने आई है।