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छत्तीसगढ़ आ रहे मोहन भागवत : दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का करेंगे अनावरण, जशपुर-अंबिकापुर के कार्यक्रमों में भी होंगे शामिल

2 years ago
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RSS का लक्ष्य भारत को सर्वांगीण विकास बनाना है: शिलांग में मोहन भागवत | RSS aims to make India attain all-round devp: Mohan Bhagwat in Shillong

रायपुर, 27 अक्टूबर 2022/ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। संघ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भागवत 14 नवंबर को जशपुर और 15 नवंबर को अंबिकापुर में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सबसे पहले 14 नवंबर को भागवत जशपुर में भाजपा नेता दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद 15 नवंबर को अंबिकापुर में संघ के बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां संघ की यूनिफॉर्म में बड़ी तादाद में स्वयं सेवक प्रदेशभर से जुटेंगे। दूसरे राज्यों से भी संघ के सदस्य पहुंच सकते हैं। 2 महीने पहले करीब सप्ताह भर रायपुर में ही रहकर भागवत ने संघ से जुड़े संगठनों की अहम बैठक की थी।

जशपुर में वन वासी कल्याण आश्रम की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में खास तौर पर जूदेव परिवार भी मौजूद रहेगा। यहां जनजाति समाज के लोगों को संघ प्रमुख संबोधित करेंगे। इसके बाद अगले दिन अंबिकापुर के कार्यक्रम में संघ के स्वयं सेवकों का एकत्रीकरण का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में भाजपा से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के भी शामिल होने की खबर है। इसी दिन देश में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।

भागवत का छत्तीसगढ़ दौरा अहम है

पिछले कई वक्त से दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण अटका हुआ है। करीब 9 सालों से। इस बार ये काम पूरा किया जा रहा है। जूदेव परिवार भाजपा से जुड़ा है और पूरे इलाके में इनका प्रभाव माना जाता है। दिलीप सिंह इस इलाके में आदिवासियों की घर वापसी (क्रिश्चन बने आदिवासियों को हिंदू धर्म में वापसी) के लिए जाने जाते हैं। अब बेटे प्रबल प्रताप इस इलाके में यही काम कर रहे हैं। संघ भी पूरी तरह से घर वापसी के कार्यक्रमों का समर्थन करता रहा है। ऐसे में जशपुर जैसे आदिवासी इलाके में भागवत का ये दौरा हिंदुत्व और धर्मांतरण की मुहिम को जोर दे सकता है। जिसका जाहिर तौर पर असर आगामी चुनावों के लिहाज से सियासी होगा।

अंबिकापुर में भागवत 15 नवंबर को रहेंगे। पिछले साल केंद्र की मोदी सरकार ने प्रतिष्ठित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक भाग के रूप में 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के समारोह के रूप में मनाने की स्वीकृति दी थी। संघ हमेशा से आदिवासी इलाकों में धर्म, संस्कृति और सेवा के कामों को लेकर एक्टिव रहा है। इस दिन छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी इलाके में रहकर संघ का बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाना अहम है। इस दिन मंच से संघ प्रमुख देश के आदिवासियों के नाम अपना संदेश दे सकते हैं।

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