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स्कूलों का पहला दिन : कुछ निजी स्कूलों में प्री-बोर्ड, कुछ में प्रैक्टिकल के कारण नहीं लगीं 9वीं-11वीं की कक्षाएं
रायपुर, 16 फरवरी 2021/ सरकार से 9वीं-11वीं की कक्षाएं शुरू करने की अनुमति मिलने के बावजूद ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में ऑफ लाइन पढ़ाई नहीं हुई। किसी स्कूल में प्री-बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं तो कहीं प्रैक्टिकल लिए जा रहे हैं। कुछ स्कूल एकाएक कक्षाएं चालू करने के लिए तैयार नहीं थे, वहां सोमवार को सैनिटाइजेशन की कवायद चलती रही।
सैनिटाइजेशन के बाद ये स्कूल एक-दो दिन में खुल जाएंगे। प्रैक्टिकल और प्री-बोर्ड की परीक्षाएं जहां चल रही है वहां नवमीं-ग्यारहवीं की कक्षाएं बाद में शुरू की जाएंगी। स्कूल प्रबंधन की ओर से इस बारे में पालकों को सूचित किया जाएगा। शहर के प्रमुख निजी स्कूलों में शामिल डीपीएस में दसवीं-बारहवीं के लिए प्री-बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं।
इस पूरे महीने यहां नवमीं-ग्याहवीं की ऑफलाइन क्लास शुरू नहीं होगी। यानी कक्षाएं नहीं लगेंगी। बच्चों की ऑन लाइन ही क्लास लगायी जाएगी। इसी तरह ब्राइटन स्कूल में प्रैक्टिकल एग्जाम चल रहे हैं। इसलिए यहां बच्चों को नहीं बुलाया गया। ज्ञान गंगा स्कूल में सेनिटाइजेशन के कारण बच्चों को एंट्री नहीं दी गई। जेडी.डागा स्कूल में 18 से क्लास लगायी जाएगी। एमजीएम स्कूल अवंति विहार में भी 17 से स्कूल में पढ़ाई शुरू होगी।
मास्क पहनकर पहुंचे ज्यादातर छात्र
कोरोना से बचाव के लिए ज्यादातर छात्र मास्क पहनकर स्कूल पहुंचे। ज्यादातर छात्रों के हाथों में पानी की बोतल और लंच बाक्स भी था। कुछ स्कूलों में जो छात्र मास्क पहनकर नहीं आए थे, उन्हें वहीं मेडिकेटेड मास्क दिया गया। सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल में छात्रों का तापमान चेक कर आने की अनुमति दी गई। दानी गर्ल्स स्कूल में 250 से ज्यादा छात्राएं पहुंचीं। जेएन पांडेय मल्टीपरपस स्कूल छात्रों की अच्छी उपस्थिति रही। यहां करीब 500 छात्र पहुंचे। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में उपस्थित और बढ़ेगी।
पहले दिन कॉलेजों में उपस्थिति रही कम
सोमवार से कॉलेज भी ऑफलाइन पढ़ाई के लिए खुल गए। लेकिन उनमें छात्रों की उपस्थिति काफी कम रही। दुर्गा कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज, साइंस कॉलेज समेत अन्य में कुछ ही छात्र पहुंचे। अभी ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है, लेकिन ऑनलाइन क्लास भी चलेगी। सभी कक्षाओं के छात्रों को बुलाया गया है। छात्रों की उपस्थिति अधिक होने पर नई व्यवस्था की जाएगी।
प्रार्थना नहीं हुई और कैंटीन भी रही बंद
कोरोना का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। नतीजा स्कूल प्रबंधन ने पांच-छह घंटे की जगह तीन घंटे की ही क्लास लगायी। किसी भी स्कूल में क्लास लगने के पहले प्रार्थना नहीं करायी गई। कैंटीन बंद रखे गए। शनिवार को ही स्कूल खोलने की घोषणा की गई है, इसलिए कई स्कूल प्रबंधक सोमवार तक विषयवार पढ़ाई का सिस्टम नहीं बना सके थे। स्कूल के जिम्मेदारों का कहना है कि छात्रों की संख्या के अनुसार पढ़ाई का शेड्यूल बनाया जाएगा।
रायशुमारी – सभी पैरेंट्स अभी बच्चों को भेजने राजी नहीं
नवमीं से बारहवीं के लिए सोमवार से स्कूल खुल गए हैं। लेकिन अब भी कई बच्चों के पैरेंट्स में कोराेना का डर है। उनका कहना है अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना उचित नहीं होगा। दैनिक भास्कर ने इस संबंध में कुछ पैरेंट्स से चर्चा की।
सड्डू केपिटल होम्स-2 के हिमांशु मिश्रा कहते हैं कि उनकी बच्ची रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा है। स्कूल की ओर से सहमति के लिए पत्र भेजा गया था, मैंने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मना कर दिया। रोहिणीपुरण निवासी श्याम परघन ने बताया कि होलीक्रास स्कूल बैरन बाजार में उनके बच्चे दसवीं और बारहवीं में पढ़ते हैं। अभी यहां ऑनलाइन प्री बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं। ऑफलाइन क्लास को लेकर क्या व्यवस्था की जा रही है। पहले उसे देखेंगे फिर जरूरी हुआ तो बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
आजाद चौक के विनय शुक्ला का कहना है कि उनके बच्चे केपीएस में नवमीं-ग्यारहवीं में पढ़ते हैं। सालभर ऑनलाइन क्लास हुई। अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते, क्योंकि कोरोना का डर खत्म नहीं हुआ है। दीप्ति वर्मा ने बताया कि उनकी बच्ची सेंट्रल स्कूल की छात्रा है। अभी वे स्कूल नहीं भेजना चाहतीं। डीडीनगर निवासी पी. साहू भी अभी बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहते। उन्होंने बताया कि उनका बच्चा लिटिल फ्लावर स्कूल में नवमीं का छात्र है। कोटा निवासी सीमा अग्रवाल का बच्चा कोटा के एक निजी स्कूल में 12वीं का छात्र है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन तक देखेंगे की स्कूल ने क्या व्यवस्था की है। संतुष्ट होने पर ही भेजेंगे। अभी भेजना नहीं चाहती। ज्योति वर्मा ने बताया कि उनकी बच्ची कक्षा 9वीं की छात्रा है। वह दानी गर्ल्स स्कूल में पढ़ती है। स्कूल खुलने से भीड़ होगी। इससे परेशानी हो सकती है। अभी शुरुआत में स्कूल नहीं भेजेंगे।
चौबे कॉलाेनी के नागेश बंछोर का कहना है उनका बेटा रेडियंट वे स्कूल में बारहवीं का छात्र है। उसका अभी ऑनलाइन प्री-बोर्ड एग्जाम चल रहा है। स्कूल खुल गए हैं लेकिन अभी सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल नहीं भेजेंगे।