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को-वैक्सीन विवाद : सिंहदेव ने पत्र लिखकर को-वैक्सीन पर उठाया था सवाल, अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा, मुद्दे को सनसनीखेज बनाने की जगह वैक्सीन कवरेज पर ध्यान दें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा जवाबी पत्र
कहा- उचित नहीं है वैक्सीन के प्रभावी होने से इन्कार का रुख
रायपुर, 12 फरवरी 2021/ देश भर में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन के बीच छत्तीसगढ़ में राज्य और केंद्र सरकारों के बीच को-वैक्सीन की आपूर्ति का विवाद आरोप-प्रत्यारोप की ओर बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का जवाब आया है। उन्होंनें लिखा है, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री मुद्दे को सनसनीखेज बनाने की बजाय वैक्सीन के कवरेज पर ध्यान दें।
छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई को-वैक्सीन पर आपत्ति की है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने 10 फरवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक पत्र भेजा। इसमें उन्होंने को-वैक्सीन की प्रभावकारिता पर आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल का नतीजा आने तक को-वैक्सीन नहीं भेजने को कहा था। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उसका जवाब दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा, उन्होंने मंत्रालय में आपके उठाए तथ्याें का परीक्षण कराया है। को-वैक्सीन और कोविशील्ड को उनकी सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी के लिए निश्चित प्रोटोकाल को पूरा करने के बाद EUA ने भारत के लिए मंजूरी दी है। देश में औषधि नियंत्रक महानिदेशक (DCGI) ने तमाम परीक्षणों और मानकाें के आधार पर वैक्सीन को मंजूरी दी है। देश भर में टीकाकरण के लिए इन्हीं दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है।
वैक्सीन के सवाल पर सफाई देने के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने टीकाकरण के मौजूदा आंकड़ों पर छत्तीसगढ़ को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा है, छत्तीसगढ़ में टीकों की पर्याप्त खेप पहुंचाई गई है। उसके बाद भी राज्य में केवल 9.55% फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लग पाया है। यह चिंता का विषय है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, टीएस सिंहदेव जी मुद्दों को सनसनीखेज बनाने की जगह राज्य में वैक्सीन कवरेज में सुधार पर ध्यान दें।
उपयुक्त नहीं है वैक्सीन के प्रभावी होने से इन्कार
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, क्या यह वास्तव में एक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के लिए उपयुक्त है कि वह कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावकारिता से इन्कार करें। उन्होंने कहा, इस तरह के अभूतपूर्व समय में, आपको किसी भी टीके की हिचकिचाहट को दूर करने में मदद करनी चाहिए। इस समय किसी निहित स्वार्थ के तहत नहीं बल्कि लोगों के हित में काम करना चाहिए।
को-वैक्सीन की शीशियों पर एक्सपायरी डेट का उल्लेख
सिंहदेव को लिखे पत्र में डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा, को-वैक्सीन की शीशियों पर एक्सपायरी डेट का उल्लेख नहीं होना आपका आधारहीन दावा है। यह जानकारी प्रत्येक शीशी के लेबल पर मौजूद है। डॉ. हर्षवर्धन ने को-वैक्सीन के लेबल की तस्वीर भी साझा की है।
जवाब में सिंहदेव बोले, चिंताओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इस पत्र के जवाब में टीएस सिंहदेव ने भी सधी लेकिन तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिंहदेव ने कहा, को-वैक्सीन के संबंध में उनकी चिंताएं वास्तविक हैं और इसे किसी भी परिस्थिति में हल्के में नहीं लिया जा सकता।
जब तक यह परीक्षण के तीसरे चरण को पूरा नहीं कर लिया जाता और इसकी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो जाती है, तब तक नियमित उपयोग के लिए यह टीका कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है? सिंहदेव ने कहा, जब दुनिया क्षमता और क्रियान्वयन में अधिक प्रभावी और कुशल टीकाकरण विकल्पों की दिशा में आगे बढ़ रही है तो क्या जन सामान्य की थोड़ी सी भी शंका को नजरअंदाज करते हुए प्रक्रिया में भाग लेना बुद्धिमानी है।
ऐसे ही तो रोका गया है एस्ट्राजेंका का उत्पादन
सिंहदेव ने अपने जवाब में सितम्बर 2020 में हुए एस्ट्राजेन्का वैक्सीन के परीक्षणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, उस समय जब दवा के प्रदर्शन और प्रभावकारिता के बारे में इस तरह के सवाल उठे तो DGCI ने प्रतिबंधों के अनुसार भारत में वैक्सीन के उत्पादन पर रोक सुनिश्चित की थी।