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  • नितिन गडकरी के बंगले तक सड़क पर लेटते हुए पहुंचा सरपंच, हैरान करने वाली है वजह, ग्रामीणों ने चंदा देकर भेजा था दिल्ली

नितिन गडकरी के बंगले तक सड़क पर लेटते हुए पहुंचा सरपंच, हैरान करने वाली है वजह, ग्रामीणों ने चंदा देकर भेजा था दिल्ली

6 months ago
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महासमुंद: छत्तीसगढ़ के एक सरपंच ने दिल्ली में अनोखा प्रदर्शन किया है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पास मांग लेकर एक सरपंच सड़क पर लेटते हुए उनके आवास तक पहुंचा। सरपंच की मांग है कि उसके गांव में सड़क नहीं है। सड़क बनाने के लिए कहां से फंड नहीं मिल रहा है। इसलिए अब वह गांव में सड़क निर्माण के लिए केन्द्रीय मंत्री के पास पहुंचा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में ग्राम पंचायत बंबूरडीह के सरपंच शत्रुघ्न चेलक हैं। वह अपने गांव में सड़क निर्माण के लिए लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं लेकिन सड़क नहीं बन रही है। ऐसे में उन्होंने अनोखा प्रदर्शन किया है।

जानकारी के अनुसार, गांव के लोगों ने चंदा करके सरपंच को पांच हजार रुपये दिए। सरपंच यह पैसे लेकर दिल्ली पहुंचे और सड़क की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया। सरपंच सड़क पर लेटकर लुढ़कते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आवास पहुंचे हालांकि सरपंच से नितिन गडकरी की मुलाकात नहीं हुई। जानकारी के अनुसार, नितिन गड़करी उस समय अपने आवास पर नहीं थे।

2 किमी सड़क के लिए किया प्रदर्शन

सरपंच शत्रुघ्न चेलक ने बताया कि वह दो किमी की सड़क बनवाने के लिए नेता और अधिकारियों की चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं। कहीं से भी उन्हें सड़क बनाने का भरोसा नहीं मिल रहा है। जिस कारण से मैंने इस तरह से विरोध करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क रामाडबरी से बावनकेरा गांव तक बननी है। अभी कच्ची सड़क है। बारिश के सीजन में सड़क पर चलना मुश्किल होता है। वाहन आना तो बड़ी दूर की बात है।

शादी करने भी नहीं आते हैं लोग

सरपंच ने बताया कि गांव में सड़क नहीं होने से लोग इस गांव में शादी करने नहीं आते हैं। लड़के-लड़कियों की शादी सड़क के कारण नहीं हो पाती है। ग्रामीण भी लगातार इस सड़क के लिए मंत्री और नेताओं से मिलते हैं लेकिन अभी तक सड़क बनाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।

गांव का नाम ही कहीं नहीं दर्ज

सरपंच ने बताया कि इससे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि हमारे गांव का नाम राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गांव भारत सरकार के नक्शे में भी नहीं और गूगल में भी नहीं दिखता है। जिस कारण से इस गांव के लोगों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है।

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