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छत्तीसगढ़ सरकार का निर्णय, मध्याह्न भोजन में खिलाएंगे मोटा अनाज, स्कूल शिक्षा विभाग ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव
रायपुर, 30 दिसंबर 2022/ छत्तीसगढ़ सरकार ने 30 लाख से अधिक स्कूली विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन में मोटा अनाज खिलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उन्हें कोदो-कुटकी और रागी परोसने की तैयारी की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा है। केंद्र से प्रधानमंत्री पोषण शक्ति अभियान या मध्यान्ह भोजन योजना में मोटे अनाज को शामिल करने का अनुरोध किया गया है। मोटे अनाज या मिलेट्स में पोषण शक्ति को देखते हुए भारत सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। पिछले दिनों संसद की कैंटीन में प्रधानमंत्री सहित अन्य नेताओं ने मिलेट्स का आहार लिया था। बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीटर पर भी इसकी प्रशंसा की थी। अधिकारियों का मानना है कि मध्यान्ह भोजन में मोटा अनाज खिलाने से किसान भी इसके उत्पादन को लेकर प्रोत्साहित होंगे। गौरतलब है किप्रधानमंत्री पोषण शक्ति अभियान में केंद्रांश से 355 करोड़ और राज्यांश से 269 करोड़ रुपये है, इसलिए भोजन के मैन्यू में किसी भी तरह के बदलाव के लिए राज्य सरकार को केंद्र से अनुमति लेना जरूरी है।
कुपोषण समाप्त करने में सहायक
मध्यान्ह भोजन योजना के तहत प्रदेश के सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के 30 लाख विद्यार्थियों को पका हुआ गरम पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इनमें 146 विकासखंडों में 31 हजार 587 प्राइमरी और 13 हजार 711 मिडिल स्कूल शामिल हैं। इस योजना के चलते पिछले वर्षों में स्कूलों में विद्यार्थियों के शाला त्यागने की दर में कमी आई है। साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने कहा, मध्यान्ह भोजन में कोदो-कुटकी और रागी जैसे मोटा अनाज विद्यार्थियों को खिलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जा रहा है।