सूरजकुंड चिंतन शिविर में PM मोदी, सोशल मीडिया की ताकत पर बोले- जो आपके पास आए, उसे फॉरवर्ड करने से पहले वेरिफाई जरूर करें
28 अक्टूबर 2022/ चिंतन शिविर में PM मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन इसके इस्तेमाल में सावधानी रखें। फेक न्यूज का छोटा सा हिस्सा पूरे देश में तूफान ला सकता है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है कि कुछ भी फॉरवर्ड करने से पहले सोचें। जो भी संदेश आपके पास आए, उसे फॉरवर्ड करने से पहले वेरिफाई जरूर करें।
PM मोदी हरियाणा के सूरजकुंड में गुरुवार से चल रहे मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों के चिंतन शिविर में बोल रहे थे। वे इस शिविर में वर्चुअली शामिल हुए।
चिंतन शिविर का उद्देश्य विजन 2047 की प्लानिंग करना है। चिंतन शिविर में सभी राज्यों के गृहमंत्री, संघ शासित राज्यों के उप राज्यपाल और प्रशासकों ने हिस्सा लिया है।
अमृत काल के पंच प्रण भी दोहराए
चिंतन शिविर की शुरुआत में PM मोदी ने कहा कि- अगले 25 साल अमृत पीढ़ी के निर्माण के लिए होंगे। यह अमृत पीढ़ी ‘पंच प्रण’ के संकल्पों को आत्मसात करके बनाई जाएगी। ये पंच प्रण है- एक विकसित भारत का निर्माण, औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और सबसे महत्वपूर्ण नागरिक कर्तव्य।
पुलिस थानों के लिए दिया बेहतर सुझाव
थानों के ऊपर 20 मंजिल बिल्डिंग बना दें। सुरक्षा बना दें। ताकि पुलिस थाना आधुनिक हो जाए और उसी के ऊपर रहने की व्यवस्था बन जाएगी। हर शहर में 20-25 थाने ऐसे होंगे, जिन्हें सुधारा जा सकता है। ताकि कोई पुलिस वाला 20-25 किमी दूर जाकर घर न ले। उन्होंने यह भी आइडिया दिया है कि पूरे देश में पुलिस की एक यूनिफॉर्म होना चाहिए।अभी हर राज्य में अलग-अलग है।
बोले- अच्छी चीजें राज्य एक-दूसरे से सीखें
सूरजकुंड में गृह मंत्रालय का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह संविधान की भावना है और नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य है हर राज्य एक दूसरे से सीखें और मिलजुल कर कार्य करें।
लॉ एंड ऑर्डर सिस्टम को स्मार्ट होना होगा
PM ने कहा कि कानून-व्यवस्था के पूरे सिस्टम का विश्वसनीय होना बहुत महत्वपूर्ण है। स्मार्ट टेक्नॉलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा। साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नॉलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी रोकने में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नॉलॉजी पर काम करते रहना होगा।
PM ने कहा- कानून-व्यवस्था एक राज्य तक सीमित नहीं है। इंटर स्टेट और इंटरनेशनल क्राइम हो रहे हैं। तकनीक के साथ, अपराधियों के पास अब राज्यों में अपराध करने की शक्ति है। सीमा से परे अपराधी तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। सभी राज्यों की एजेंसियों के बीच समन्वय और केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय जरूरी है।
आजादी से पहले के कानूनों में बदलाव लाएं राज्य
आजादी से पहले के कानूनों के रिफॉर्म को लेकर मोदी ने कहा- बीते कुछ सालों में राष्ट्रीय स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े रिफॉर्म्स ने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने में मदद की है। मेरी राज्यों से अपील है कि आप भी अपने कानूनों का विश्लेषण कीजिए और उन में बदलाव लाईए। आजादी से पहले के ऐसे कई कानून हैं।