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कैबिनेट बैठक में रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी: गेहूं का समर्थन मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल किया, अन्य फसलों में दाम में भी इजाफा

2 years ago
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दिवाली से पहले किसानों को तोहफा, गेहूं का MSP 110 तो सरसों का 400 रुपए प्रति

 

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2022/  केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। गेहूं का समर्थन मूल्य 110 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 2,125 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। गेहूं, और दालों के साथ-साथ केंद्र सरकार ने रबी की 6 अन्य फसलों की MSP में बढ़ोतरी की है।

मसूर के MSP में 500 रुपए का इजाफा
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की MSP में 3 से 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। सरकार ने गेहूं की MSP में 110, जौ में 100, चना में 105, मसूर मे 500, सरसों में 400 और कुसुम में 209 रुपए की वृद्धि की है।

सरकार ने फसल वर्ष 2023-24 के लिए मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 500 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। वहीं सरसों और कैनोला के MSP में 400-400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।

क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइज?
MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।

सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

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