सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को, आखिरी 8 अगस्त पड़ेगा
12 जुलाई 2022/ सावन मास 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। होगा जो 11 अगस्त तक रहेगा। इस बार सावन की पूर्णिमा दो दिन रहेगी। इसलिए रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना होता है। इस दौरान की गई शिव आराधना से हर तरह के दोष खत्म होते हैं। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु राजौरिया ने बताया कि इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे। जिनमें 25 जुलाई को प्रदोष का महासंयोग बनेगा। साथ ही इस महीने पांच गुरुवार भी रहेंगे। ये अपने आप में बड़ा शुभ संयोग है और अच्छा संकेत भी है।
सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को और आखिरी आठ अगस्त को रहेगा। पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10:38 से शुरू हो रही है, जो कि अगले दिन 12 अगस्त को 7:5 बजे सुबह तक खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि होने के बाद 12 अगस्त को रक्षाबंधन नहीं मनाया जा सकेगा। जिसके चलते 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही सावन का महीना भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना के नाम रहेगा। चारों सोमवार को श्रद्धालु भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना करेंगे। व्रत रखकर सुबह-सुबह शिवजी को बेलपत्र अर्पित करेंगे। मंदिरों में विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी।
श्रवण नक्षत्र के कारण महीने का नाम श्रावण
सावन मास को यह नाम श्रवण नक्षत्र की वजह से मिला है। श्रवण हिंदू पंचांग की कालगणना में उपयोग में आने वाले 27 नक्षत्रों में से 22वां नक्षत्र है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार श्रवण नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति ग्रह है। श्रावण मास को हिंदू कैलेंडर का पवित्र महीना माना गया है। वहीं सोमवार को शिव पूजा करने वाली कुंवारी लड़कियों को मनवांछित वर प्राप्त होता है। वहीं पुरुषों को भी उनकी पसंद की कन्या मिलती है, इसलिए यह कहा गया है कि जिनके विवाह आदि में रुकावट आ रही हो। उन्हें निश्चित रूप से सावन के सोमवार का व्रत करना चाहिए।