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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा बोले-हिंदू आतंकवाद शब्द भी इनके मंत्री का गढ़ा हुआ, आंतकवाद पर राजनीति नहीं,पर सवाल जरूरी

2 years ago
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पवन खेड़ा ने शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बात की। - Dainik Bhaskar

 

रायपुर, 09 जुलाई 2022/    कांग्रेस ने भाजपा पर आतंकियों का सहयोग लेने का आरोप लगाया है। कांग्रेस संचार विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, भाजपा आतंकवाद पर आत्मनिर्भर हो चुकी है। अपने ही कार्यकर्ता नुपुर शर्मा से कुछ कहवा देंगे। उसके बाद अपने ही कार्यकर्ता रियाज अटारी से कुछ करा देंगे। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार के समय “हिंदू आतंकवाद’ शब्द भी आरके सिंह का गढ़ा हुआ था, जो अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं।

रायपुर के कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में पवन खेड़ा ने कहा, पिछले दिनों राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की हत्या हो गई। उसमें शामिल आतंकी मोहम्मद रियाज अटारी भाजपा का कार्यकर्ता निकला। उसने बाकायदा पार्टी नेताओं की मौजूदगी में सदस्यता ली थी। वह भाजपा विधायक दल नेता और पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद्र कटारिया के दामाद की फैक्ट्री में काम कर चुका है। उसका भाजपा के कार्यक्रमों और बड़े नेताओं के साथ भी देखा गया है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में ग्रामीणों ने जिन दो आतंकियों को हथियारों के साथ पकड़ा था, उनमें से एक तालिब हुसैन शाह भाजपा का पदाधिकारी निकला। वह अमरनाथ यात्रा मार्ग पर हमले की योजना बना रहा था। उसका भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी तस्वीरें मिली हैं।

पवन खेड़ा ने कहा कि यह बात भी सामने आई है कि महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या का मास्टरमाइंड इरफान खान वहां की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा से संबंध हैं। वह राणा दंपती के लिए वोट मांगता रहा है। राणा दंपती के साथ भाजपा का क्या रिश्ता है यह छिपा भी नहीं है। एक सवाल पर पवन खेड़ा ने कहा, हिंदू आतंकवाद शब्द कांग्रेस की ओर से कभी नहीं आया था। अगर किसी कांग्रेस नेता ने कभी बोला हो तो यह गलत है। लेकिन यह शब्द तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह का गढ़ा हुआ है। उन्होंने सबसे पहले यह शब्द लिखा और बाेला था। वहीं आर.के. सिंह अब भाजपा के नेता हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी।

डीएसपी दविंदर सिंह की जांच रोकने पर भी सवाल

2020 में सुरक्षाबलों ने कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी दविंदर सिंह और भाजपा के पूर्व नेता व सरपंच तारिक अहमद मीर को पकड़ा था। मीर पर हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवेद बाबू को हथियार मुहैया कराने का आरोप था। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में मीर को दविंदर सिंह का सहयोगी बताया था। दविंदर सिंह को छोड़ दिया गया। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने लिखा, राष्ट्रहित में आगे की जांच उचित नहीं है। पवन खेड़ा ने कहा, आतंकवाद के मामले में जांच रोकने से कौन सा राष्ट्रहित सध रहा था, यह सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है। जांच होती तो यह सामने आता कि दविंदर सिंह और मीर के तार कहां तक पहुंच रहे हैं।

आतंकवाद और जासूसी के पुराने मामलों में भी कनेक्शन

2017 में मध्य प्रदेश एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंच का पर्दाफास किया। इसके साथ ही पाकिस्तान की आईएसआई के 11 जासूसों को पकड़ा था। इनमें से एक ध्रुव सक्सेना भी था जो भाजपा आईटी सेल का सदस्य था। उसकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ तस्वीरें भी थीं।

2019 में मध्य प्रदेश में टेरर फंडिंग के आरोप में बजरंग दल के नेता बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई है।

2017 में असम के भाजपा नेता निरंजन होजाई को एनआईए की एक अदालत ने आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई।

मसूद अजहर का मामला भी उठाया

पवन खेड़ा ने आरोप लगाया, आतंकवादी मसूद अजहर को भाजपा की सरकार ने ही छोड़ा था। बाद में उसने देश भर में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया। यही भाजपा, सत्ता के लिए अपराध सिद्ध आतंकी को भी टिकट देने से नहीं चूकी। स्थानीय चुनाव में भाजपा ने मसूद अजहर के शागिर्द और मोहम्मद फारुख खान को टिकट दिया। यह व्यक्ति हरकत उल मुजाहिदीन और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का रह चुका है। जिस पुलवामा में परिंदा भी पर नहीं मार सकता वहां 200 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा, इसका जवाब देश को आज तक नहीं मिल पाया है।

आतंकवाद पर राजनीति नहीं, लेकिन यह सवाल जरूरी

पवन खेड़ा ने कहा, आतंकवाद पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ऐसा करती भी नहीं है। लेकिन आज जो हालात हैं। एक के बाद एक हो रही आतंकी घटनाओं में आतंकियों और अपराधियों के तार भाजपा से जुड़ रहे हैं तो यह सवाल पूछना जरूरी हो जाता है। पवन खेड़ा ने कहा, देश को अब सोचने-समझने की जरूरत है कि भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में कैसा घिनौना खेल कर रही है। हमारी चिंता यह है कि इस खेल से हो सकता है कि कोई पार्टी चुनाव जीत जाए लेकिन देश हार रहा है।

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