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बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए करें ये योगासन, पूरा दिन रहेंगे एक्टिव

2 years ago
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बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए करें ये योगासन, पूरा दिन रहेंगे एक्टिव

 

 

सिर्फ वयस्कों के लिए ही नहीं, बच्चों के लिए भी योगाभ्यास बहुत लाभकारी होता है। नियमित योग करने से वे स्वस्थ रहते हैं, उनकी एकाग्रता बढ़ती है और बेहतर विकास होता है। आईए जानते हैं मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, दिल्ली के योगाचार्य उदयजी से बच्चों के लिए कुछ लाभकारी योगासनों के बारे में… नियमित योगाभ्यास से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उनके मन-मस्तिष्क का संतुलन बना रहता है। खासतौर पर विद्यार्थियों के लिए योगाभ्यास करना बहुत उपयोगी है। इससे उनकी बौद्धिक क्षमता, सहनशीलता बढ़ती है और मन शक्तिशाली होता है। कुछ योगासनों को करने से बच्चों का विकास तेजी से होता है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को विशेषज्ञ की देखरेख में सही तरह से योग करने के लिए प्रेरित करें। यहां बता रहे हैं बच्चों के लिए उपयोगी कुछ आसनों और प्राणायाम के बारे में।

1. प्राणायाम- प्राणायाम श्वांस संबंधी योगाभ्यास है। इसमें सांस लेने और छोड़ने की क्रिया निश्चित नियमानुसार की जाती है। इसमें श्वसन के साथ हृदय और तंत्रिका तंत्र की एक्सरसाइज भी होती है। इससे भावनात्मक स्थिरता और मन को शांति मिलती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार प्राणायाम से ब्रीदिंग हेल्थ बेहतर होने के साथ-साथ हार्ट भी हेल्दी रहता है। वैसे प्राणायाम के कई प्रकार हैं। बच्चों के लिए अनुलोम-विलोम सरल लेकिन बहुत लाभकारी प्राणायाम है।

करने की विधि- सबसे पहले साफ-सुथरी जगह पर मैट बिछाएं। दोनों घुटनों को मोड़कर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। आंखें बंद करके मन को एकाग्र करें। एकाग्रचित्त होते ही हल्के-हल्के लंबी गहरी सांस लें। इस दौरान मुंह बिल्कुल भी नहीं खोलना है। अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ें। सांस को छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर खींचें। इस क्रिया को दोहराते रहें। करीब 5 मिनट तक या फिर अपनी सुविधानुसार इसे करें।

2. ताड़ासन- ताड़ासन करने से पूरे शरीर की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं। नियमित ताड़ासन करने से बच्चे की लंबाई बढ़ती है और एकाग्रता क्षमता भी बेहतर होती है।

करने की विधि– शांत जगह पर मैट बिछाकर उस पर दोनों पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों की अंगुलियों को एक-दूसरे में फंसाएं और बाजुओं को ऊपर आसमान की ओर तानें। सांस लेते हुए एड़ियों को ऊपर की ओर उठाते हुए पंजों पर खड़े हो जाएं। कुछ देर इस मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें। फिर प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं। यह क्रिया अपनी सुविधानुसार 1-5 बार कर सकते हैं।

3. वृक्षासन- इस आसन को एकपादासन भी कहा जाता है। इस योगासन में शरीर को एक पैर पर ही संभालना होता है और शरीर की आकृति वृक्ष जैसी लगती है। यह आसन दिमाग को एकाग्रचित्त करता है, चिंता और तनाव भी दूर होता है। इस योगासन से कमर और पीठ का दर्द भी कम होता है। इतना ही नहीं यह योगासन स्पाइन को लचीला बनाने में मददगार साबित होता है।

करने की विधि- शांत जगह पर मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें। शरीर का संतुलन बनाए रखते हुए बाएं घुटने को मोड़ते हुए अपने दाएं जांघ पर अंदर की तरफ रखें। इसके बाद दोनों हाथों को ऊपर आसमान की तरफ उठाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। जितनी देर हो सके इस मुद्रा में बने रहें। हो सकता है शरीर का संतुलन बिगड़ जाए और आपका पैर जमीन पर लग जाए। ऐसा होने पर शरीर का संतुलन बनाकर दोबारा मुद्रा में आने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड इस अवस्था में बने रहने के बाद प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। फिर इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं। इस योगासन को दो से तीन बार किया जा सकता है। यहां बताए गए सभी आसन आप अपने बच्चों से करवा सकती हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए सुखासन, भुजंगासन, धनुरासन, नटराजासन, त्रिकोणासन भी काफी लाभकारी हैं।

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