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मनरेगा से अब बायो-गैस संयंत्र भी स्थापित किए जा सकेंगे, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
रायपुर, 08 जून 2022/ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों के अंतर्गत अब गांवों में बायो-गैस संयंत्र भी स्थापित किए जा सकेंगे। भारत सरकार ने हितग्राहियों की निजी भूमि पर बनने वाले बायो-गैस संयंत्र की संपूर्ण लागत तथा सामुदायिक उपयोग के लिए स्थापित किए जाने वाले संयंत्रों में लेबर वर्क (मजदूरी लागत) को मनरेगा कार्यों में शामिल किया है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा भारत के राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है।
मनरेगा के अंतर्गत निजी भूमि में बायो-गैस संयंत्र की स्थापना के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमन्तू जनजाति, अधिसूचना से निकाली गई जनजातियां, सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सर्वे सूची में स्वतः शामिल सूचकांक के आधार पर गरीब परिवार के रुप में शामिल तथा ऐसे परिवार जो किसी न किसी वंचन सूचकांक में शामिल हैं, महिला मुखिया वाले परिवार, दिव्यांग मुखिया वाले परिवार, भूमि सुधार के लाभार्थी, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम-2006 के लाभार्थी तथा लघु एवं सीमांत किसान परिवार प्राथमिकता के क्रम में होंगे।
पीएम गतिशक्ति परियोजना को गति देने पर जोर
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय सशक्त समिति की बैठक हुई। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई इस बैठक में परियोजना को गति देने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने पर जोर दिया गया।
बैठक में राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अधोसंरचनाओं के समुचित विकास सहित अर्थव्यवस्था एवं उद्योगों की गति बढ़ाने और रोजगार के साधनों को बढ़ाने के लिए राज्य शासन के विभिन्न् विभागों के समन्वय से की जा सकने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने गति शक्ति योजना के लिए राज्य शासन के सभी विभागों से डाटा तैयार कर महत्वपूर्ण तथ्यों को सूचीबद्ध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।