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देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्‍यों में छत्‍तीसगढ़ का दर्जा बरकरार, मई में मात्र 0.7 प्रतिशत

3 years ago
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देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्य का दर्जा बरकरार, मई माह में छत्तीसगढ़  की बेरोजगारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत - Khabar Chhattisii Media

 

 

रायपुर, 02 जून 2022/  देशभर में बेरोजगारी की दर कम करने के मामले में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल रहा। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में देश में बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत थी। इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।

सीएमआइई के मुताबिक देश के कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में मध्यप्रदेश 1.6 प्रतिशत, गुजरात 2.1 प्रतिशत, ओडिशा 2.6 प्रतिशत, उत्तराखंड 2.9 प्रतिशत, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश 3.1 प्रतिशत, महाराष्ट्र और मेघालय 4.1 प्रतिशत, कर्नाटक 4.3 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश 4.4 प्रतिशत, पांडिचेरी 5.6 प्रतिशत व केरल 5.8 प्रतिशत शामिल हैं।

यहां सर्वाधिक बेरोजगारी दर

देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 24.6 प्रतिशत, राजस्थान में 22.2 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 18.3 प्रतिशत, त्रिपुरा में 17.4 प्रतिशत, दिल्ली में 13.6 प्रतिशत, गोवा में 13.4 प्रतिशत, बिहार में 13.3 प्रतिशत, झारखंड में 13.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 9.6 प्रतिशत, तेलंगाना में 9.4 प्रतिशत, पंजाब में 9.2 प्रतिशत, असम में 8.2 प्रतिशत व सिक्किम में 7.5 प्रतिशत दर्ज की गई।

इन योजनाओं के असर से हम बेहतर

साढ़े तीन साल पहले छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक जोर रहा। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को ऋण से मुक्ति और लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई।

इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन और कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि, 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन व लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों व उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे कई कदम उठाए गए हैं।

 

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