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सहकारिता सम्मेलन में CM बोले-किसानों और ग्रामीणों के लिए सक्षम बनाने की जरूरत, नकदी फसलों के लिए लोन की व्यवस्था करें सहकारी बैंक

3 years ago
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

रायपुर, 25 अप्रैल 2022/   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन एवं राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आज जरूरत इस बात की है कि सहकारी क्षेत्र को किसानों और ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सक्षम बनाया जाए। इसके लिए हमें सहकारी बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान ही मजबूत बनाने की जरूरत है। साथ ही इन बैंकों से उद्यानिकी और कैश क्रॉप के लिए भी ऋण देने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, देश के सहकारिता आंदोलन का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य दिलाना होना चाहिए। ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। कहा, अभी सहकारी आंदोलन को और अधिक संगठित कर मजबूत बनाने की आवश्यकता है। देश के विभिन्न राज्यों की सहकारी क्षेत्र की नीतियों की अच्छाईयों को स्वीकार कर और सहकारी क्षेत्र की कमियों को दूर कर आगे बढ़ा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि ऋण, खाद-बीज की उपलब्धता के साथ सहकारी क्षेत्र से और अधिक सरकारी योजनाओं को जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघुवनोंपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, गौठानों में महिला समूह द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय जैसी विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों को सहकारी बैंकों से जोड़ा गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (Apex Bank) और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोआपरेटिव बैंक्स की ओर से रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से प्रतिनिधि आए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन में देशभर की सहकारिता समितियों को अलग-अलग श्रेणी में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया। इस अवसर पर उन्होंने अपेक्स बैंक की स्मारिका और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर की ओर से प्रकाशित किसान किताब का विमोचन भी किया।

सम्मेलन की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, पूर्व सांसद एवं कृभको के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स मुंबई के अध्यक्ष कोंडरू रविंदर राव, अध्यक्ष नाफेड एवं दिल्ली स्टेट को ऑपरेटिव बैंक डॉ विजेंद्र सिंह, बिहार स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग यूनियन के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर आदि आयोजन में प्रमुखता से शामिल थे।

एथेनॉल का मामला भी उठाया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अन्नदाता किसानों को अब ऊर्जा दाता बनाने की जरूरत है। एफसीआई में देश की तीन वर्ष की जरूरत का अनाज जमा है। हमारी आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन हो रहा है। केन्द्र को अनाज से भी एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए। इसके लिए यह भी जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपज का उपयोग एथेनॉल प्लांट में किया जाए। तभी किसानों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, एथेनॉल प्लांट लगने से रोजगार के अवसर निर्मित होंगे और पेट्रोलियम पदार्थाें पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी। देश आने वाले समय में पेट्रोलियम के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा।

गोधन न्याय योजना की जरूरत बताई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कृषि के क्षेत्र में मशीनीकरण और मवेशी बाजार बंद होने से किसानों और पशुपालकों के लिए आज पशुपालन अनार्थिक हो गया है। मवेशी इनके लिए बोझ बन गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने दो रुपए किलो में गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से इसका समाधान पेश किया। इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दीये, गमला जैसे उत्पाद महिलाएं तैयार कर रही है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट और बिजली बनाने का काम भी शुरू किया गया है। गोबर बेचने के साथ-साथ उससे तैयार उत्पादों में लोगों को आय का जरिया मिला है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक 68 लाख क्विंटल गोबर खरीदा जा चुका है और गोबर विक्रेताओं को 136 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसको देखकर झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी इसकी शुरुआत हो रही है।

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