रायपुर, 24 अप्रैल 2022/ छत्‍तीसगढ़ में अब सार्वजनिक स्‍थल पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसे लेकर गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। गृह विभाग ने आंदोलन कार्यक्रम और धरना प्रदर्शन की अनुमति लेने के लिए आवेदन का फॉर्मेट भी जारी किया है। बतादें कि आज ही किसान आंदोलन और विद्युत विभाग के संविदा कर्मियों के धरना प्रदर्शन के पंडाल उखाड़ दिए।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 24 घंटे में दो बड़े आंदोलनों को करीब-करीब खत्म कर दिया गया। पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने सख्ती अख्तियार करते हुए विद्युत संविदा कर्मचारी और नवा रायपुर में चल रहे किसानों के आंदोलन को बंद करवा दिया है। पूरे प्रदेश में अब गृह विभाग की तरफ से एक आदेश भी जारी किया गया है। इसमें तमाम धरना, निजी, सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों, जुलूस, रैली, भूख हड़ताल जैसे कार्यक्रमों को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई है। धार्मिक आयोजनों पर भी नियम लागू है।

यह गाइडलाइन छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग की तरफ से जारी की गई है। इसे प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देशित किया गया है। यह कहा गया है कि सभी सार्वजनिक आंदोलन, धरना प्रदर्शन, राजनीतिक कार्यक्रम वगैरह अब जिला प्रशासन से बिना अनुमति के आयोजित नहीं किए जा सकेंगे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने अपने आदेश में कहा है कि यह अक्सर देखने में आता है कि कई संगठन बिना अनुमति के रैली धरना प्रदर्शन जुलूस वगैरह का आयोजन कर रहे हैं। अनुमति लेने के बाद अपने कार्यक्रमों की रूपरेखा बदल देते हैं। जिससे आम लोगों को परेशानी होती है, सड़कें जाम होती हैं कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना रहती है । इस वजह से यह गाइडलाइन जारी की गई है।

 

 

 

जमा करना होगा फॉर्म
अब किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम जैसे कि धरना प्रदर्शन, रैली को आयोजित करने से पहले कलेक्टर दफ्तर में एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसका बकायदा एक प्रारूप तैयार किया गया है। ये फॉर्म एसडीएम कार्यालय से आवेदन करते वक्त लिया जा सकेगा। इसमें आयोजक के पूरी जानकारी ली जाएगी । आयोजन किस तारीख से किस तारीख तक चलेगा, कहां होगा, अगर रैली हुई तो उसका रूट क्या होगा, रैली में कौन लोग शामिल होंगे, कहां से आएंगे कौन सी गाड़ियों से आएंगे, पूरे आयोजन का मकसद क्या है। इस तरह के 11 सवालों के जवाब के साथ फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह अनुमति देगा या नहीं। बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफ आई आर दर्ज की जाएगी।

इन शर्तों को नहीं माना तो होगी कार्रवाई

गृह विभाग की तरफ से जारी की गई शर्तों के मुताबिक आयोजन में शामिल हर व्यक्ति को अनुमति की शर्तों का पालन करना होगा।

जिला प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग करना होगा।

धरना या रैली के दौरान सड़क की व्यवस्था और कानून की व्यवस्था शांतिपूर्ण तरीके से बनाए रखनी होगी।

तय जगहों पर ही वाहनों की पार्किंग होगी।

जुलूस में किसी भी तरह का कोई हथियार नशीला पदार्थ इस्तेमाल नहीं हो सकेगा ।

नफरत फैलाने वाला कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जा सकेगा।

आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा के नियमों का पालन किया जाएगा।

पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी होगी जिसे जुलूस आयोजन के 2 दिन के भीतर एसडीएम कार्यालय में जमा करवाना होगा।

लाउडस्पीकर वगैरह का इस्तेमाल बेहद धीमी आवाज में होगा।

आंदोलन में शामिल रहने या बने रहने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा।

तय समय पर आंदोलन खत्म करना होगा।

आयोजकों को अपने वॉलिंटियर रखने होंगे जो पुलिस और जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।

आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के लिए भोजन पानी और चिकित्सा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

आयोजन में किसी भी तरह के पशु या पक्षी का इस्तेमाल नहीं होगा।

लाठी, डंडा या बंदूकों का इस्तेमाल नहीं होगा।

व्यवस्था बनाने में लगे पुलिस ने जिला प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकेगा।

सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

आयोजन समिति के आवेदक व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे, अगर किसी भी तरह का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ f.i.r. की जाएगी।

अनुमति प्राप्त नहीं होने पर आयोजन नहीं हो सकेगा।

किसी निजी भूमि पर कार्यक्रम हुआ तो संबंधित व्यक्ति से एनओसी लेना होगा।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को पारंपरिक मान्यता वाले शस्त्र लाठी तलवार त्रिशूल भाले, भाले वाले झंडे वगैरह का प्रयोग करने से पहले जानकारी देनी होगी।

आयोजन के प्रमुख 10 लोगों का नाम पता मोबाइल नंबर देना होगा।