मार गई महंगाई….तीन वर्षों में 40 फीसद से अधिक बढ़ा घर का बजट, आम आदमी बोले- मूल्यों को करें कंट्रोल
रायपुर, 23 अप्रैल 2022/ घरों का बजट 40 प्रतिशत बढ़ गया है। जो सामान लगभग साल भर पहले 70 रुपये में आता था, आज वह सौ से लेकर 110 रुपये तक पहुंच गया है। दाल-चावल, सब्जी, शैंपू, साबुन, तेल सब महंगे हो गए हैं। स्थिति ये है कि बढ़ती महंगाई ने लोगों को आवश्यक खर्चो में कटौती करने के लिए विवश कर दिया है।
महीने के राशन में 1600 रुपये का झटका
एक अनुमान के अनुसार, अप्रैल-2019 में महीने के राशन का जो बजट 4,000 रुपये था। वह बढ़कर 5,600 रुपये तक पहुंच गया है। कारोबारियों के अनुसार, अनाज व खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही साबुन, शैंपू, बिस्कुट की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बजट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये है।
खाद्य तेल 40 फीसद से ज्यादा महंगे
खाद्य तेलों की कीमतों में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। इनकी कीमतें 40 फीसद से अधिक बढ़ गई हैं। 130 से 150 रुपये लीटर में बिकने वाला फल्ली तेल 200 रुपये प्रति लीटर में बिक रहा है। इसी प्रकार 350 रुपये किलो में बिकने वाली चाय अभी 510 रुपये किलो पहुंच गई है।
कोरोना काल में भी बढ़ी थी कीमतें
कोराना काल के दौरान वर्ष-2020 अप्रैल में और अप्रैल-2021 में भी खाद्य सामग्रियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन यह बढ़ोतरी सप्लाई न होने के कारण हुई थी। उस दौरान लोगों में कोरोना का भय भी इतना था कि सप्लाई की तुलना में मांग बढ़ गई थी। कोरोना काल में मुख्य रूप से आटा व खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी हुई थी।
इस प्रकार रही कीमतें
उत्पाद अप्रैल 2019 अप्रैल 2022
फल्ली तेल 130-150 200
सोयाबीन 190 100
सरसों 200 120
शक्कर 35 40
चावल 40 50
राहर दाल 80-100 80-120
गेहूं 35 45-50
चायपत्ती 350 510
साबुन 90 (पांच पीस) 145 (पांच पीस)
शैंपू 70 150 (80 एमएल)
टूथपेस्ट 75 103
ब्रांडेड आटा 150 190
लोग बोले, मूल्यों पर नियंत्रण होना चाहिए
गड़बड़ा गया महीने का बजट
कल्पना पांडे ने कहा, इस बढ़ती महंगाई ने घर का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। महंगाई पर लगाम लगाना आवश्यक है।
खरीदारी तो करनी ही पड़ेगी
रानू दीवान ने कहा, इस बढ़ती महंगाई से सभी त्रस्त हो गए है, लेकिन घर के आवश्यक सामान तो खरीदने ही पड़ेंगे।
कंपनियों ने शुरू किया वजन कम करने का खेल
कारोबारी मनीष राठौड़ ने कहा, एफएमसीजी कंपनियों द्वारा तो इन दिनों विभिन्ना उत्पादों में वजन कम करने का खेल फिर से शुरू कर दिया गया है। इस ओर उपभोक्ताओं का ध्यान भी नहीं जाता।