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पेट्रोल-डीजल आज फिर महंगे, तेल कंपनियों ने चौथी बार 80 पैसे बढ़ाई कीमत, पांच दिन में 3 रुपए 20 पैसे का इजाफा

3 years ago
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नई दिल्ली, 26 मार्च 2022/   पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पिछले पांच दिन में चौथी बढ़ोतरी की गई है। शनिवार को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में 80-80 पैसे बढ़ा दिए हैं। अब दिल्ली में पेट्रोल 98.61 रुपए/लीटर और डीजल 89.87 रुपए/लीटर मिल रहा है। इससे पहले, 22, 23 और 25 मार्च को 80-80 पैसे की बढ़ोतरी हो चुकी है। 5 राज्यों में चुनाव खत्म होते ही तेल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया था। 137 दिनों तक तेल की कीमतें स्थिर थीं।

फरवरी के महीने में पिछले पांच दिन महंगाई को बढ़ाने वाले रहे हैं। 22 मार्च से अब तक रसोई गैस और CNG-PNG के दाम बढ़ाए जा चुके हैं, तो वहीं पेट्रोल-डीजल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। बढ़ती महंगाई पर आप अपनी राय यहां दे सकते हैं..

महंगाई का सप्ताह

22 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80-80 पैसों की बढ़ोतरी की गई थी। घरेलू गैस के दाम भी 50 रुपए बढ़े थे।

23 मार्च को दूसरी बार पेट्रोल-डीजल 80-80 पैसे महंगे हुए थे।

24 मार्च को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से राहत मिली थी, लेकिन CNG-PNG के दाम 1 रुपए तक महंगे हुए।

25 मार्च को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 80-80 पैसों की बढ़ोतरी की गई थी।

26 मार्च को चौथी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में 80-80 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

मूडीज का दावा- धीरे-धीरे बढ़ेंगे दाम
पिछले दिनों मूडीज रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट जारी कर कहा था कि भारत के टॉप फ्यूल रिटेलर्स IOC, BPCL और HPCL को नवंबर से मार्च के बीच करीब 2.25 अरब डॉलर (19 हजार करोड़ रुपए) के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार रिफाइनर को नुकसान से बचाने के लिए कीमतें बढ़ाने की अनुमति देगी। लगातार दो दिन 80-80 पैसे बढ़ने पर मूडीज ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार में न बढ़ाकर धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे।

कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी।

19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।

9 महीने में टैक्स से वसूले 3.31 लाख करोड़
केंद्र सरकार ने अप्रैल से दिसंबर (2021) तक पेट्रोल-डीजल समेत पेट्रोलियम उत्पादों पर 3.31 लाख करोड़ रुपए टैक्स से वसूले हैं। यह खुलासा एक RTI से हुआ है। एक RTI के जवाब में सरकार ने बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर 37,653.14 करोड़ रुपए का सीमा शुल्क वसूला गया, जबकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 2,93,967.93 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा हुए हैं। इधर, एक्साइज ड्यूटी की बात करें, तो केंद्र सरकार अब तक 13 बार ड्यूटी में इजाफा कर चुकी है, जबकि महज 4 बार इसे घटाया गया है।

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