• breaking
  • Chhattisgarh
  • वन विभाग में बड़ा टेंडर घोटाला, 9 अफसरों को नोटिस : वन मंत्री ने विधानसभा में स्वीकार किया, कहा- अफसरों ने 37 टेंडर निकाले, उसमें से 33 में गड़बड़ी थी

वन विभाग में बड़ा टेंडर घोटाला, 9 अफसरों को नोटिस : वन मंत्री ने विधानसभा में स्वीकार किया, कहा- अफसरों ने 37 टेंडर निकाले, उसमें से 33 में गड़बड़ी थी

3 years ago
139

Winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly from 21 December |  छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 21 से, विधायकों के सवालों की लगी झड़ी |  Patrika News

रायपुर, 15 मार्च 2022/   छत्तीसगढ़ के वन विभाग में टेंडर का घोटाला सामने आया है। वन अफसरों ने 37 टेंडर निकाले थे, उनमें से 33 में गड़़बड़ी पाई गई है। इसके लिए जिम्मेदार 9 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन अफसरों में से 6 भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि नोटिस का जवाब आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।

दरअसल विधानसभा में मंगलवार को यह मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि टेंडर में क्या अनियमितता मिली थी और दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अनियमितता और नौ अफसरों के दोषी होने की पुष्टि की। वन विभाग के टेंडर गड़बड़ी की प्रारंभिक जांच में नौ अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनमें छह भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। उन्हें नोटिस दी गई है, जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। अकबर ने बताया कि निविदा में 30 दिन की अवधि होनी चाहिए लेकिन 21 दिन का समय दिया गया था। निविदा में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। वन मंत्री ने बताया, अभी मामले में किसी को जांच अधिकारी नहीं बनाया गया है। विभागीय कार्यवाही जारी है। इसके तहत कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। अधिकारियों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। सदन के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि 33 टेंडरों में गड़बड़ी का मामला तो केवल चार जिलों का था। अभी बलरामपुर में भी एक मामला सामने आया है। सामग्री खरीदी में लगभग हर जगह गड़बड़ी मिल रही है। नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इसके बाद भी सरकार समय से जो कार्यवाही होनी चाहिए वह नहीं कर रही है। इससे भ्रष्टाचार के बढ़ावा मिल रहा है।

इन अधिकारियों का आ रहा नाम

जिन 9 अधिकारियों का नाम टेंडर गड़बड़ी में आ रहा है, उनमें 6 भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। इनमें नायर विष्णुराज नरेंद्रन , आयुष जैन, अमिताभ बाजपाई, स्टाइलो मंडावी और विजया विनोद कुर्रे और अशोक कुमार पटेल का नाम शामिल है। वहीं राज्य वन सेवा के तीन अफसरों में एनके शर्मा, डीके साहू और डीके मेहर काे नोटिस जारी हुआ है।

जोगी ने उठाया नवा रायपुर के किसानों का मुद्दा

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की विधायक डॉ. रेणु जोगी ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के NPA होने का मामला उठाया। उन्होंने वहां चल रहे किसान आंदोलन का मामला उठाया। जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, मंत्रिमंडलीय उप समिति के साथ 3 बार और मुख्यमंत्री के साथ भी एक बार किसानों की चर्चा हो चुकी है। उनकी 8 में से 6 मांगे मान ली गई हैं। उन्होंने किसानों से आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया।

डीएमएफ में फर्जीवाड़े का आरोप

बसपा विधायक केशव चंद्रा ने जांजगीर-चांपा जिले में डीएमएफ मद की राशि के खर्च का मसला उठाया। विधायक चंद्रा ने कहा, केवल प्रशिक्षण के नाम पर 16 करोड़ 21 लाख रुपए की राशि डीएमएफ मद से खर्च की गई है। उन्होंने पूछा कि क्या 2019 के बाद जिले में डीएमएफ की राशि के उपयोग को लेकर कोई ऑडिट या जांच कराया गया है। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कहीं भी कोई शिकायत है तो मुझे लिखकर दे दें या कलेक्टर को दे दें। हम जांच करने में पीछे नहीं हटेंगे।

प्रशिक्षण पर 16 करोड़ खर्च के ऑडिट की मांग

भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने प्रशिक्षण पर 16 करोड़ रुपए खर्च करने पर सवाल उठाया। चंदेल ने पूछा कि इसका अनुमोदन किसने किया और इतने प्रशिक्षण की जरूरत क्यों पड़ी। विधायक सौरभ सिंह ने कहा, डीएमएफ का हर साल ऑडिट करने की गाइडलाइन है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, वे ऑडिट की जानकारी अलग से दे देंगे।

Social Share

Advertisement