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छत्तीसगढ़ के 32 स्कूलों को मिलेगा उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा : रायपुर से 4 बड़े स्कूलों का चयन; पढ़ाई का पैटर्न बदलेगा, सरकार उठाएगी पूरा खर्च
रायपुर, 18 फरवरी 2022/ स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बाद अब हिंदी मीडियम में ही बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रदेश भर के 32 सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूलों में बदला जाएगा। यह बदलाव ठीक वैसा ही होगा, जैसा स्कूलों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में बदलने के लिए किया गया है। राजधानी में इसके लिए चार बड़े सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है।
इनमें जेएन पांडेय स्कूल, दानी गर्ल्स स्कूल, मायाराम सुरजन स्कूल और माधवराव सप्रे स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा तकरीबन हर जिला मुख्यालय के प्रमुख सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल को उत्कृष्ट स्कूल बनाने के लिए चयनित किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से इसकी सूचना सभी जिलों को भेज दी गई है। उन्हें स्कूलों का चयन कर उसे जल्द ही स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों की तरह ही तैयार करने के लिए कहा गया है।
इन्हें आने वाले सत्र से ही उत्कृष्ट हिंदी स्कूलों के रूप में खोला जाएगा। इन स्कूलों में हिंदी माध्यम से बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जाएगी। इससे पहले राज्य सरकार ने पिछले साल प्रदेश में 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल शुरू किए हैं। इन स्कूलों में 74 हजार अंग्रेजी तथा 60 हजार हिंदी माध्यम से बच्चे पढ़ रहे हैं।
जिन अंग्रेजी स्कूलों में हिंदी वाले बच्चे ज्यादा, वे भी इस योजना में शामिल
बताया गया है कि हिंदी माध्यम के जिन स्कूलों को इससे पहले अंग्रेजी माध्यम में अपग्रेड किया गया है उनमें पढ़ने वाले हिंदी माध्यम के बच्चों को भी उच्च स्तर की शिक्षा दी जा रही है। इसमें रायपुर जिले के अरुंधति देवी स्कूल आरंग में हिन्दी मीडियम के 439 बच्चे, रायगढ़ के घरघोड़ा में 558 तथा सूरजपुर के भैयाथान में 428 हिन्दी मीडियम के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उनमें हिंदी आैर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह जिन अंग्रेजी स्कूलों में हिंदी माध्यम के बच्चे ज्यादा हैं, वहां पर उत्कृष्ट हिंदी स्कूल शुरू किए जाएंगे।
हाईइक्यूपमेंट लैब भी होंगे
स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर अंग्रेजी स्कूलों की तरह ही होगा। इसमें नए फर्नीचर, बेहतर लाइब्रेरी, हाईइक्यूपमेंट लैब तैयार किए जाएंगे। इन स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी के अलग-अलग लैब तैयार किए जाएंगे। बच्चों के लिए इनडोर और आउटडोर दोनों तरह के खेल की व्यवस्था भी रहेगी।
पूरा खर्च सरकार वहन करेगी
अंग्रेजी माध्यम की तरह हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूलों का पूरा खर्च भी सरकार वहन करेगी। अभी इसके संचालन का जिम्मा कलेक्टर को दिया गया है। कलेक्टर के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती के साथ ही सभी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी की मॉनिटरिंग में स्कूलों का संचालन होगा।
बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, कांकेर में होंगे उत्कृष्ट हिंदी स्कूल
उत्कृष्ट हिंदी मीडियम स्कूल में डेवलप करने के लिए रायपुर के जेएन पांडेय, जेआर दानी, माधव राव सप्रे तथा मयाराम सुरजन, धमतरी में शासकीय स्कूल हटकेशर, बलौदाबाजार में पं.चक्रपाणी शुक्ल स्कूल, गरियाबंद में शासकीय बालक उमावि, महासमुंद में आदर्श उमावि, बिलासपुर में शासकीय बहुद्देशीय स्कूल दयालबंद, रायगढ़ में सरदार वल्लभभाई पटेल नपानि स्कूल, कोरबा में शासकीय उमावि एनसीडीसी, जांजगीर में शासकीय बहुद्देशीय क्र-2 खोखराभाठा, शासकीय हाईस्कूल कसेरपारा सक्ती, शासकीय बहुद्देशीय उमावि पेंड्रा, बीआर साव बहुद्देशीय उमावि मुंगेली, जेआरडी उमावि दुर्ग, महंत राजा बलरामदास उमावि राजनांदगांव, शासकीय कन्या उमावि बेमेतरा, स्वामी करपात्री उमावि कवर्धा, शासकीय कन्या उमावि, आदर्श बालक उमावि बालोद, आदर्श बालक उमावि सूरजपुर, बालक उमावि बलरामपुर, उमावि स्कूल बैकुंठपुर, बालक उमावि जशपुर, बहुद्देशीय उमावि जगदलपुर, बालक उमावि सुकमा, उच्चतर मावि. दंतेवाड़ा, बहुद्देशीय उमावि पटौद कांकेर, शासकीय कन्या उमावि कोंडागांव, शासकीय बालक उमावि बीजापुर तथा शास उमावि बखरुपारा नारायणपुर का चयन किया गया है।